मायावती का समाजवादी पार्टी पर हमला, बोलीं-इनका दलित तथा पिछड़ा वर्ग प्रेम सिर्फ छलावा
लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अब सपा पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही हैं। लखनऊ में गुरुवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में अखिलेश यादव के दलित तथा पिछड़ा वर्ग का समर्थन मांगने पर मायावती ने इन दोनों वर्ग को समाजवादी पार्टी से सचेत करने का प्रयास किया है।
समाजवादी पार्टी लगातार नाटक कर रही
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को तीन ट्वीट से समाजवादी पार्टी पर हमला बोला है। चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी लगातार नाटक कर रही है। समाजवादी पार्टी अपने चाल, चरित्र, चेहरा को ‘अम्बेडकरवादी’ दिखाने का प्रयास वैसा ही ढोंग, नाटक व छलावा है जैसा कि वोटों के स्वार्थ की खातिर अन्य पार्टियां भी अक्सर यहां पर करती रहती हैं। मायावती ने कहा कि इनका दलित व पिछड़ा वर्ग प्रेम तो मुंह में राम बगल में छुरी को ही चरितार्थ करता है।
पूरा इतिहास ही डा. अम्बेडकर व बहुजन विरोधी
बसपा मुखिया ने कहा कि वास्तव में परमपूज्य डा. भीमराव अम्बेडकर के संवैधानिक व मानवतावादी आदर्शों को पूरा करके देश के करोड़ों गरीब, दलित, पिछड़ों, उपेक्षितों आदि का हित, कल्याण व उत्थान करने वाली कोई भी पार्टी व सरकार नहीं है। समाजवादी पार्टी का तो पूरा इतिहास ही डा. अम्बेडकर व बहुजन विरोधी रहा है।
नाम भी जातिवादी द्वेष के कारण बदल दिए गए
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के शासनकाल में बाबा साहेब डा अम्बेडकर के अनुयाइयों की घोर उपेक्षा हुई व उनपर अन्याय-अत्याचार होते रहे। महापुरुषों की स्मृति में बसपा सरकार के कार्यकाल में स्थापित नए जिले, विश्वविद्यालय, भव्य पार्क आदि के नाम भी जातिवादी द्वेष के कारण बदल दिए गए। इसी से ही समाजवादी पार्टी का डा अम्बेडकर प्रेम दिख रहा है।
मायावती ने इससे पहले बुधवार को भारतीय रुपये की विश्व बाजार में लगातार गिरावट पर तंज कसा था। उन्होंने कहा कि भले ही सरकार के प्रतिष्ठा से सीधे तौर पर न जुड़ी हो तथा लोगों को भी इसकी खास चिन्ता न हो, किन्तु इससे देश की अर्थव्यवस्था चरमराती है व मनोबल भी टूटता है। सरकार महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी की तरह रुपये के अवमूल्यन को हल्के में न ले।
सौजन्य : Dainik jagran
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