गर्भवती महिला से मारपीट, 5 माह का भ्रूण गिरा कार्रवाई न होने पर दलित भाईचारे ने दिया धरना
सोमवार को एक पीड़ित परिवार व दलित भाईचारे के लोगों की ओर से पुलिस की ओर से आरोपियों पर कार्रवाई नहीं किए जाने के राेष में थाना सदर के बाहर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों की ओर से धरना लगाकर रोड जाम किए जाने के कारण शहर से छावनी की ओर जाने वाले व छावनी से शहर की ओर जाने वाले वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। हालांकि यातायात पुलिस की ओर से ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 16 अगस्त को गांव रज्जीवाला में पुराने विवाद की रंजिश के चलते कुछ लोगों की ओर से 5 माह की गर्भवती महिला के साथ मारपीट की गई। आरोपी उसके पति को ढूंढते हुए घर पहुंचे व उसका पति खेत में गया हुआ था।
पीड़िता के गेट खोलते ही आरोपियों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी व उसके पेट में लात घूसे मारे और वहां से फरार हो गए। 5 माह की गर्भवती महिला को अगले दिन 17 अगस्त को पेट में दर्द हुआ तो उसके पति अमरजीत सिंह ने उसे सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां डॉक्टरों ने महिला का अल्ट्रासाउंड स्कैन करवाया तो उसमें पता चला कि पेट में पल रहे भ्रूण की मौत हो चुकी है। इसके बाद डॉक्टरों ने महिला का उपचार शुरू किया व पुलिस को इस बारे में शिकायत दी गई। पुलिस को शिकायत दिए जाने के 6 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इसके चलते आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर पीड़िता के परिजनों व दलित भाईचारे ने थाना सदर के बाहर धरना देकर रास्ता जाम कर दिया जिसके चलते वाहन चालकों को भी परेशानी उठानी पड़ी। गायाकॉनालिजिस्ट डॉक्टर का कहना है कि भ्रूण के खत्म होने के पछे मारपीट ही कारण नहीं हो सकता किसी और कारण से भी भ्रूण खत्म हो सकता है। सएचओ थाना सदर गुरमित सिंह ने कहा कि मामला की जांच की जा रही है, जो भी कारण सामने आएंगे उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी।
सौजन्य : Dainik bhaskar
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