आदिवासियों को शोषण से मुक्त कर अधिकार दिलाएं
छिंदवाड़ा । विश्व आदिवासी दिवस पर जिले भर में विभिन्ना कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम में नवनिर्वाचित महापौर विक्रम अहके शामिल हुए। श्री अहके ने कहा कि आदिवासियों को शोषण से मुक्ति दिलाना सरकार की प्राथमिकता होना चाहिए। नवनिर्वाचित महापौर विक्रम अहके परंपरागत वेशभूषा में शामिल हुए और खजरी रोड स्थित दुर्गावती चौक पहुंचे। इस दौरान बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए।
जल, जंगल, जमीन के मालिक देश के मूल निवासी प्रकृति पूजक, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में प्राणों की आहुति देकर वीरता का परिचय देने वाले आदिवासी वीर बलिदानियों के सम्मान में राष्ट्रीय मजदूर सेना ने नगर में भव्य रैली निकाली। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर विश्व आदिवासी दिवस उत्साह के साथ मनाया। इस अवसर पर राष्ट्रीय मजदूर सेना जिला अध्यक्ष रमेश लोखंडे, साहित्यकार एसआर शेंडे, महासचिव राजेश सांगोड़े ने कहा कि आदिवासियों का गौरवशाली इतिहास रहा है। वे भारत के शासक थे।
वे भारत भर में फैले हुए हैं, जिनकी आबादी दस करोड़ है। आदिवासियों ने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले वीर नारायण सिंह 1852 में बलिदान हुए तिलका और माझी 1780 के विद्रोह में, बिरसा मुंडा 1900 में, पश्चिम निमाड़ के विद्रोही टंट्या भील मामा 1888 में तथा कान्हू के विद्रोह में 10 हजार आदिवासी बलिदान हुए। भीमराव आंबेडकर ने संविधान में आदिवासी भाइयों के उत्थान के लिए अनेकों प्राविधान किए, उन्हें सुरक्षा प्रदान की। परंतु खेद है कि सरकार की निष्क्रियता के चलते, विधान सभा व लोकसभा में आदिवासियों की भरपूर संख्या होने के बावजूद उनका शोषण जारी है।
औद्योगिकरण व विकास के नाम पर उनकी बेशकीमती जमीनें छिनी जा रही है। दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षा स्वास्थ्य, रोजगार, विकास का अभाव है। अतः शासन को इनकी मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान देना चाहिए। कार्यक्रम में महिला प्रकोष्ठ दलित मुक्ति सेना जिला अध्यक्ष संतोषी गजभिए, मजदूर सेना महिला प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष फूलकुमारी जावरे नगर अध्यक्ष अनिल गजभिए, छात्र संघ अध्यक्ष करन नायक नवीन नागवंशी सोहन बानवंशी आकाश चंचल सहित कई भीमसैनिक उपस्थित थे।
सौजन्य : Naidunia
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