अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियों में फैले जातिवाद के खिलाफ दलित कलाकार करेंगे समारोह की मेजबानी
वाशिंगटन । अमेरिका में गूगल जैसी बड़ी टेक कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ होने वाले जाति आधारित उत्पीड़न के खिलाफ लगातार आवाज उठाई जा रही है। इसी क्रम में विश्व में मशहूर दलित कलाकारों द्वारा अमेरिका में आयोजित एक विश्व स्तरीय संगीत समारोह किया जा रहा है। आने वाले 10 अगस्त को आयोजित इस समारोह का आयोजन नीलम समाज और अंबेडकर एसोसिएशन , उत्तरी अमेरिका द्वारा अल्फाबेट वर्कर्स यूनियन के साथ साझेदारी में किया जा जाएगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अल्फाबेट वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों ने सोमवार को बताया कि यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा हम दलित कलाकारों और वक्ताओं की मेजबानी करेंगे। इस समारोह का उद्देश्य यह साबित करना है कि गूगल कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों के साथ जाति आधारित उत्पीड़न होता है, जिसको कंपनी स्वीकार करने से कतराती है। यह मानवाधिकार का मुद्दा है।
जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाने वाले सुमित समोस भी करेंगे प्रदर्शन
जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाने वाले और रैप कलाकार सुमीत समोस ने कहा कि यह समारोह विश्व स्तर पर एक खास हिंदू जाति समूहों और नौकरशाही द्वारा किए जाने वाले भेदभाव को सामने लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका में होगा।
10 अगस्त को होने वाला संगीत कार्यक्रम जातिगत समानता की लड़ाई पर होगा, जिसमें हाल ही में गूगल पर लगे जातिगत भेदभाव के आरोपों को प्रकाश में लाया जाएगा। समारोह में तमिलनाडू के गाना कलाकार इसाइवानी, गंगईकोंडा चोलपुरम से ओपारी कलाकार सेइलरानी और ललिता के अलावा उड़ीसा के जाति विरोधी रैपर, लेखक सुमीत समोस (वर्तमान में ऑक्सफोर्ड में) और महाराष्ट्र की रैपर माही, चेन्नई की फिल्म निर्माता और रैपर अबीशा हिस्सा लेंगी।
गौरतलब है कि बीते जून में गूगल की प्रवक्ता शैनन न्यूबेरी (Shannon Newberry) ने कहा था कि उनके कार्यस्थल में किसी भी प्रकार का जातिगत भेदभाव नहीं है। उन्होंने अपने कार्यस्थल में प्रतिशोध और भेदभाव के खिलाफ एक बहुत ही स्पष्ट, सार्वजनिक रूप से साझा नीति है।
सौजन्य : Dainik Jagran
नोट : यह समाचार मूलरूप से jagran.com में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है !