ये जगह सिर्फ हमारी जाति के लिए रिजर्व…’, दलित के अंतिम संस्कार में आदिवासी सरपंच और उसके समर्थकों का बवाल
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में दलित के अंतिम संस्कार को लेकर आदिवासी सरपंच और उसके समर्थकों में जमकर बवाल हुआ. कहासुनी के बाद नौबत हाथापाई तक आ गई. अनुसूचित जाति (SC) समुदाय के सदस्यों द्वारा श्मशान के इस्तेमाल को लेकर हुई झड़प के बाद 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
एजेंसी के मुताबिक अनुसूचित जाति के बरद्वार बस्ती गांव के रहने वाले प्रदीप पाटले ने फांसी लगा ली थी. मृतक के पिता भैयालाल की ओर से दी गई शिकायत के मुताबिक परिवार शव को अपने पारंपरिक श्मशान घाट पर ले गया, लेकिन भारी बारिश की वजह से अंतिम संस्कार करना मुश्किल हो रहा था. इसके बाद फैसला लिया गया कि दूसरी जगह पर शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
पुलिस के मुताबिक जैसे ही पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी गई, वैसे ही सरपंच और कुछ अन्य लोग मौके पर आ गए. ये लोग आदिवासी समुदाय से थे. उन्होंने कहा कि श्मशान का उपयोग सिर्फ वही लोग सकते हैं, ये जगह उनके लिए रिजर्व है. देखते ही देखते विवाद बढ़ गया. दूसरे पक्ष के लोगों ने कथित तौर पर चिता को लात मार दी और पानी डाल फेंक दिया. इतना ही नहीं, आरोपियों ने शव को फैंकने की भी कोशिश की.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें कुछ लोग जलती हुई चिता को बुझाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस घटना को लेकर दो गुटों में झड़प हो गई. स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए तत्काल प्रभाव से एक टीम मौके पर भेजी गई. वहीं ग्रामीणों ने इस घटना का विरोध किया. साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क पर जाम भी लगा दिया.
पुलिस ने बताया कि सरपंच जगदीश उरांव सहित 8 लोगों को IPC की धारा 147 (दंगा) और 297 (दफन स्थानों पर अतिक्रमण) के तहत गिरफ्तार किया गया है. हालांकि बाद में पुलिस की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार करवाया गया.
सौजन्य : Aajtak
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