दलित किशोरी के साथ दुष्कर्म में दोषी को 15 वर्ष का सश्रम कारावास
बांदा : दलित किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म के मामले में अदालत ने सोमवार को दोषी को 15 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अन्य धाराओं में सजा व 45 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। जुर्माना की आधी धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में अदा की जाएगी।
विशेष अभियोजक शिवपूजन सिंह पटेल व सुनील कुमार गुप्ता मरका थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने 15 दिसंबर 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी नाबालिग 17 वर्षीय पुत्री को गांव का दिलीप कुमार उर्फ महीप पुत्र किशनलाल हलवाई बहला-फुसलाकर 9 अप्रैल 2019 को ले गया था। आठ माह तक उसे हरियाणा में रखा और दुष्कर्म करता रहा। पुत्री के वापस लौटने पर उसने आप बीती बताई। इस मामले में अभियोजन की ओर से आठ गवाह पेश किए गए। पत्रावली के अवलोकन व अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश पाक्सो अनु सक्सेना ने दोषी को 15 वर्ष सश्रम कारावास की सजा और 45 हजार रुपये जुर्माना सुनाया। अन्य धाराओं में भी सजा व जुर्माना सुनाया। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी। जुर्माना की आधी धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में अदा की जाएगी।
सौजन्य : Dainik jagran
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