मराठा आरक्षण के लिए मराठा और दलित समुदायों को एक साथ आने की जरूरत: एड. शशिकांत पवार
Mumbai :अखिल भारतीय मराठा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एड. शशिकांत पवार ने आज पत्रकारों से बात करते हुए मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार को तत्काल उचित कदम उठाने की नसीहत दी है। पवार ने कहा कि यदि सरकार मराठा आरक्षण के लिए मजबूर करने के लिए मराठा आरक्षण और अधिक आक्रामक होने के लिए तैयार है। इसकी शुरुवात 9 अगस्त को क्रांति दिवस पर मौन मोर्चा आयोजित कर के की जाएगी। वह शिवाजी मंदिर के राज्षी शाहू हॉल में मराठा आरक्षण परिषद में बोल रहे थे।
फिर महाराष्ट्र में एक नई क्रांति
एड. शशिकांत पवार ने कहा कि वंचित बहुजन गठबंधन के नेता एड. प्रकाश अम्बेडकर (विज्ञापन प्रकाश अम्बेडकर) और आरपीआई नेता रामदास आठवले दोनों ने बार-बार मराठा आरक्षण का समर्थन किया है। आज छत्रपति राजर्षि साहू महाराज का जन्मदिन है। पहली बार आरक्षण देने वाले शाहू महाराज की ओर से मैं उन दोनों से मराठा आरक्षण पर हमारी मदद करने की अपील करता हूं। हम आपका समर्थन करेंगे। अगर मराठा और एससी समुदाय एक साथ आ गए, तो महाराष्ट्र एक नई क्रांति के बिना नहीं बचेगा।
यह आक्रामक विचारकों का ऐतिहासिक सम्मेलन है
लंबे समय से लंबित मराठा आरक्षण के मुद्दे को हल करने के लिए अब अखिल भारतीय मराठा महासंघ ने पहल की है। फेडरेशन के आक्रामक विचारकों का यह ऐतिहासिक सम्मेलन शशिकांत पवार के नेतृत्व में हुआ।
आरक्षण के लिए भव्य चुप्पी हटाने से कोई फायदा नहीं हुआ। जैसा कि अदालत ने मराठा आरक्षण देने से इनकार कर दिया, महासंघ ने अब इस मुद्दे को एक अलग स्तर पर संभालने का फैसला किया है। एक ओर जहां महासंघ 50 प्रतिशत से अधिक कोटे से आरक्षण प्राप्त करने के अपने प्रयास जारी रखे हुए है, वहीं दूसरी ओर महासंघ ने भी 50 प्रतिशत कोटे के भीतर ओबीसी कोटे से आरक्षण प्राप्त करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। आज, मराठा समुदाय उतना गहन नहीं है जितना पहले हुआ करता था। उन्होंने कहा कि ओबीसी नेताओं को समाज में युवाओं को शिक्षा और नौकरियों में आने वाली कठिनाइयों से अवगत कराया जाए। शशिकांत पवार के मुताबिक मुद्दों को चरणबद्ध तरीके से सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।
बड़ी आक्रामक लड़ाई लड़ेंगे
सम्मेलन को इस विषय पर कई न्यायविदों और विद्वानों के पत्रकारों द्वारा निर्देशित किया गया था। इन सभी ने मराठा समुदाय को ओबीसी वर्ग से आरक्षण दिलाने के मुद्दे पर जोर दिया। शशिकांत पवार ने कहा वर्तमान में पचास प्रतिशत आरक्षण में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (ओबीसी) शामिल हैं, इसलिए आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाकर मराठा भाइयों को आरक्षण देना आसानी से संभव था। मराठों को आरक्षण नहीं मिलने के लिए सभी राजनीतिक दल जिम्मेदार हैं और केंद्र और राज्य दोनों सरकारें इस जिम्मेदारी से बच रही हैं।
मराठा मित्र पुरस्कार
यह भी मांग की गई कि मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे से पचास प्रतिशत की सीमा के भीतर तब तक आरक्षण दिया जाए जब तक कि वह सफल न हो जाए।
सम्मेलन के वक्ता इस विषय के विद्वान पत्रकार संजय मिस्किन थे, जबकि एड. मराठा क्रांति मोर्चा के अभिजीत पाटिल और वीरेंद्र पवार। इस अवसर पर कुछ पत्रकारों को ‘मराठा मित्र पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया गया।
गणमान्य व्यक्तियों की महिमा
कोल्हापुर के दिलीप पाटिल और सतारा के राजेंद्र निकम को मराठा समुदाय और छत्रपति वंश का अपमान करने के लिए एक वकील को पुलिस हिरासत में रखने के उनके प्रयासों के लिए “वीर मराठा पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। सुचेता जोगंद-पाटिल को “मराठा रणरागिनी पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का परिचय महासंघ के महासचिव दिलीप जगताप ने किया, जबकि प्रवक्ता श्रीरंग बरगे थे।
उपाध्यक्ष संतोष नानवाटे, संयुक्त महासचिव संभाजी राजे दाहातोंडे, युवा अध्यक्ष रंजीत जगताप, महिला मोर्चा की अध्यक्ष वैशाली जोंधले, धोंडू जाधव, मुंबई के अध्यक्ष प्रशांत सावंत, अधिवक्ता. गजेन्द्र भोसले, अनिल ताडगे, भूषण देशमुख, गोपाल राजुरकर सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
सौजन्य : Indiagroundreport
नोट : यह समाचार मूलरूप से indiagroundreport.com में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है !