जागृत आदिवासी दलित संगठन ने वन विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा
खंडवा, सिंगोट । गुड़ी वन परिक्षेत्र में वन भूमि पर कब्जे के प्रयास के आरोप में वन विभाग द्वारा शनिवार को भिलाईखेड़ा बीट से एक ट्रैक्टर और तीन आदिवासियों को हिरासत में लेने का विरोध गहराता जा रहा है। शनिवार को गुड़ी वन परिक्षेत्र कार्यालय का चार घंटे घेराव और प्रदर्शन के बाद रविवार को वन विभाग के साथ ही पुलिस के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है।
सैंकड़ों आदिवासी अपने साथियों की रिहाई की मांग को लेकर जागृति आदिवासी दलित संगठन के बैनर तले पिपलौद थाने के बाहर दोपहर दो बजे से धरने पर बैठ गए है। करीब 20 गांव के 300 से अधिक आदिवासियों का कहना है कि उनके साथियों को बेवजह पकडा है। दो दिन से उनका कोई पता नहीं है। इसी प्रकार गुड़ी रोड से उनका ट्रैक्टर लापता हो गया है। उसका भी कोई पता नहीं चल सका है। वन विभाग और पुलिस के अधिकारी कोई जानकारी नहीं दे रहे है। हमारे साथी और ट्रैक्टर की तलाश में पुलिस भी लापरवाही कर रही है। इसलिए सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष अनिश्चितकालीन लगने पर बैठ गए हैं। जब तक ट्रैक्टर और हिरासत में लिए गए साथियों को हमे नहीं सौंपा जाता धरना जारी रहेगा।
जागृत आदिवासी दलित संगठन के रतन अलावा सहित अन्य पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि उनके साथियों को बेवजह गिरफ्तार कर प्रशासन आदिवासियों पर दबाव बनाना चाहता है। उन्हें छोड़ने और न्याय मिलने तक हमारा धरना जारी रहेगा। धरने पर डटे आदिवासियों को समझाईश देने के लिए नायब तहसीलदार भूपेंद्र भिड़े, पंधाना टीआइ शिवराम जमरे, छैगांवमाखन टीआई राधेश्याम मालवीय सहित पुलिस के अधिकारियों ने चर्चा की गई। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला हैं।
– वन भूमि पर कब्जे के आरोप में गिरफ्तार तीन लोगों को न्यायालय में पेश किया गया था। यहां से जेल भेज दिया गया है। जब्त ट्रैक्टर को राजसात किया जाएगा। वन भूमि पर कब्जा रोकने के लिए विभाग का अमला सर्तकत है। देवांशु शेखर ,डीएफओ सामान्य वन मंडल खंडवा।
सौजन्य : Naidunia
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