20 दिन बाद भी नहीं हुई मुख्य आरोपियों की गिरफ्तार, वाल्मीकि समाज ने की बैठक
यमुनानगर। कांग्रेसी एवं दलित नेता राजिंद्र वाल्मीकि के बेटे जानू हत्याकांड के मुख्य आरोपियों की 20 दिन बाद भी गिरफ्तारी न होने पर वीरवार देर शाम जानू वाल्मीकि हत्याकांड संघर्ष समिति ने बैठक की। इसमें वाल्मीकि समाज के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। बैठक देर रात तक चलती रही। इस दौरान समाज के लोगों ने जानू के मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी न करने पर प्रशासन के खिलाफ रोष जताया। मुख्य आरोपी सचिन पंडित, सुमित राणा व मनोज की जल्द गिरफ्तारी न होने पर समाज के लोगों ने प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी।
दलित नेता दलिप कंडारा ने कहा कि 15 अप्रैल की रात को चुना भट्टी निवासी कांग्रेसी एवं दलित नेता राजिंद्र वाल्मीकि के बेटे जानू की ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई थी। इसमें उसके तीन दोस्त भी घायल हुए थे। आरोप है कि यह वारदात पुलिस की लापरवाही के चलते हुई। पुलिस का कहना था कि उन्होंने रात को पुलिस नाके लगाए हुए थे। बावजूद इसके हत्यारोपी कुरुक्षेत्र व अन्य जिलों से शहर में आए और जानू की हत्या कर फरार हो गए। लेकिन पुलिस के हाथ कोई आरोपी नहीं लग पाया। अब पुलिस मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करने में भी डील बरत रही है। अभी तक केवल चार आरोपियों को पकड़कर इतिश्री कर दी है। मुख्य आरोपी 20 दिन बाद भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 25 अप्रैल को वाल्मीकि समाज के लोगों ने शहर में जाम लगाया था। तब डीसी पार्थ गुप्ता ने उन्हें दस दिन में मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी करने का आश्वासन दिया था। समयावधि पूरी होने पर भी मुख्य आरोपी पकड़े नहीं गए। इसी को लेकर समाज के लोगों ने बैठक रखी। उन्होंने कहा कि यदि जल्द मुख्य आरोपी सचिन पंडित, सुमित राणा व मनोज उर्फ शंटी को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
उल्लेखनीय है कि चुन्ना भट्टी निवासी कांग्रेसी नेता राजेंद्र वाल्मीकि का बेटा जानू की 15 अप्रैल की रात को हत्या कर दी गई। जबकि उसके दोस्त विश्वकर्मा मोहल्ला निवासी मोहित शर्मा, लुधियाना निवासी अनमोल व सिटी सेंटर निवासी रजत घायल हो गए थे। पुलिस ने मामले में सुढल निवासी सचिन पंडित, उन्हेड़ी निवासी सुमित राणा व भाटिया नगर निवासी मनोज को नामजद करते हुए 22 युवकों पर हत्या समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया था। मामले में पुलिस ने 17 अप्रैल को कुरुक्षेत्र निवासी हरपाल व मितेश को गिरफ़्तार किया था। 25 अप्रैल को वाल्मीकि समाज के लोगों ने मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर महाराणा प्रताप चौक पर जाम लगाया था। तब डीसी ने दस दिन में हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया था। 29 अप्रैल को पुलिस ने कुरुक्षेत्र के गांव मथाना निवासी अजय पांचाल व अग्रसेन कॉलोनी निवासी दमन अरोड़ा को गिरफ्तार किया था। अभी तक तीनों मुख्य आरोपी व अन्य आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
सौजन्य : amarujala.com
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