पति के मौत के बाद दर-दर भटकने को मजबूर हुई पुष्पा, राज्यपाल से इच्छामृत्यु की लगाई गुहार
राजनांदगांव । शहर के ललवानी परिवार की बहु पुष्पा ललवानी ने ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर राज्यपाल से इच्छामृत्यु की गुहार लगाई है। सोमवार को पुष्पा ने पत्रकारवार्ता की, जिसमें उन्होंने पति दीपक ललवानी की मौत के बाद से ससुराल की प्रताड़ना की कहानी बताई।
उन्होंने कहा कि पति की मौत के बाद ससुराल वालों ने साथ नहीं दिया। इसके लिए वो अपनी नौ साल की बेटी को लेकर मदद के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो गई है। उन्होंने शासन-प्रशासन से भी गुहार लगाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और महिला आयोग की डा. किरणमयी नायक को भी आवेदन देकर मदद मांगी, लेकिन कहीं से भी कोई मदद नहीं मिली है। वहीं पुष्पा ने मदद नहीं मिलने तक जिला कार्यालय के सामने बच्ची को साथ लेकर बैठने या फिर इच्छामृत्यु देने की गुहार लगाई है।
दीपक से किया था प्रेम विवाह
पूरा मामला शहर के तुलसीपुर में रहने वाली पुष्पा और सिंधी कालोनी के दीपक ललवानी के प्रेम विवाह से जुड़ा हुआ है। दोनों ने वर्ष 2010 में आर्य समाज में विधिवत रूप से विवाह किया। लेकिन यह बात दीपक के घरवालों को नागवार गुजरी। बहु के दलित समुदाय से होने के कारण दीपक के घरवालों ने उसे स्वीकार नहीं किया। इसके बाद दिपक लोन पर गाड़ी खरीदकर व किराये के घर में रहकर जीवन-यापन शुरू किया। बीते तीन जनवरी 2022 को पति दीपक की मौत हो गई। इसके बाद दीपक के परिवार वालों ने पुष्पा के आने-जाने पर रोक लगा दी। कम पढ़ी लिखी होने की वजह से परिवार चलाने के लिए कोई आय नहीं है। जिससे वह अपनी बच्ची को लेकर भटक रही है।
ससुर ने किया घर से बाहर
प्रेसवार्ता में पुष्पा ने कहा कि उनके ससुराल में सास उसे घर पर रखने की पैरवी कर रही है। लेकिन ससुर उसे घर में घुसने नहीं दे रहे हैं। उन्होंने ही घर से बाहर किया है। पुलिस प्रशासन से भी वो गुहार लगा चुकी है, जिसमें आपसी समझौते के लिए दोनों पक्ष को बसंतपुर पुलिस ने थाने बुलाया। पर ससुराल वाले नहीं आए।
पति की मौत के बाद से न्याय के लिए भटक रही पुष्पा ने कहा कि सरकार अंतरजातिय विवाह के लिए प्रोत्साहित करने की बात करती है। अंतरजातिय विवाह योजना भी चला रही है। लेकिन मेरे और मेरी बच्ची के लिए अंतरजातिय विवाह परेशानी का कारण बन गया है। बच्ची की पढ़ाई छूट गई है। जब तक शासन-प्रशासन मेरी मदद नहीं करेंगे, वो कलेक्टोरेट के सामने बच्ची के साथ बैठे रहने की चेतावनी दी है।
पूरा न्याय मिलेगा
महिला को पूरा न्याय मिलेगा, इसके लिए महिला को आयोग में आवेदन की पूरी प्रक्रिया करनी होगी।
डा. किरणमयी नायक, अध्यक्ष महिला आयोग
सौजन्य : Naidunia
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