उच्च जाति के परिवार ने कहा था, ‘शादी की तो लड़की के हाथ का छुआ हुआ नहीं खाएंगे’
बेंगलुरु पुलिस ने आरोपी शिवकुमार को विजयपुरा जिले के डिप्टी तहसीलदार अशोक शर्मा की बेटी दानेश्वरी शर्मा पर हमला करने और उसकी हत्या करने के आरोप में शनिवार 19 मार्च को गिरफ्तार कर लिया। अशोक शर्मा के मुताबिक 76 फीसदी थर्ड डिग्री बर्न के कारण दानेश्वरी ने दम तोड़ दिया। अशोक ने कहा कि हम उसे बचाने के लिए कुछ नहीं कर सके। हमने अपनी इकलौती बेटी को खो दिया।
एक उच्च जाति के प्रेमी ने अपने दलित प्रेमिका को इसलिए जिंदा जला दिया क्योंकि लड़के के परिवार ने धमकी दी थी कि अगर उसने दलित लड़की से शादी की तो वो उसके हाथ से छुआ हुआ भोजन ग्रहण नहीं करेंगे। यह बात 23 साल की दलित युवती के पिता ने बताई, जिसने बीते 18 मार्च के तड़के मृत लड़की के पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को उसके प्रेमी शिवकुमार हिरेहला ने आग लगा दी क्योंकि शिवकुमार के परिवार को जाति के आधार पर इस रिश्ते से आपत्ति थी। दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन लिंगायत जाति समूह से ताल्लुक रखने वाले शिवकुमार के माता-पिता ने फरवरी में इस रिश्ते को महज इसलिए खारिज कर दिया क्योंकि लड़की का परिवार दलित जाति से ताल्लूक रखता था।
मामले में बेंगलुरु पुलिस ने आरोपी शिवकुमार को विजयपुरा जिले के डिप्टी तहसीलदार अशोक शर्मा की बेटी दानेश्वरी शर्मा पर हमला करने और उसकी करने के आरोप में शनिवार 19 मार्च को गिरफ्तार कर लिया। अशोक शर्मा के मुताबिक 76 फीसदी थर्ड डिग्री बर्न के कारण दानेश्वरी ने दम तोड़ दिया। अशोक ने कहा, “हम उसे बचाने के लिए कुछ नहीं कर सके। हमने अपनी इकलौती बेटी को खो दिया।”
जानकारी के मुताबिक कथित तौर पर दानेश्वरी और शिवकुमार साल 2018 में पहली बार मिले थे, जब वे विजयपुरा के एक निजी कॉलेज में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर रहे थे।
अशोक ने कहा कि दानेश्वरी ने शिवकुमार के साथ इंजीनियरिंग की परीक्षा पास की और बेंगलुरु में बीटीएम लेआउट से बाहर एक कंपनी में काम करने लगी। अशोक ने बताया, “जब हमने जनवरी में दानेश्वरी के साथ शादी के विचार पर चर्चा की, तो उसने हमें शिवकुमार के बारे में बताया।”
उसके बाद 2 फरवरी को शिवकुमार ने अपने ही परिवार को दानेश्वरी के बारे में बताया तो उन्होंने इस रिश्ते पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “वह दानेश्वरी का अपने घर में स्वागत नहीं करेंगे और न ही उसके हाथ से बना खाना खाएंगे। उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि अगर यह शादी हुई तो वे मर जाएंगे।”
दानेश्वरी के पिता अशोक ने कहा, “15 मार्च को शिवकुमार और दानेश्वरी के बीच काफी तीखी बहस हुई। अपने दोस्तों के साथ शिवकुमार ने उसे कथित तौर पर रात 8 बजे इलेक्ट्रॉनिक सिटी स्थित एक पेट्रोल पंप के पास मिलने के लिए बुलाया। वहां पर शिवकुमार ने दानेश्वरी पर हमला कर दिया और उसे आग लगा दी।”
उसके बाद शिवकुमार और उनके दोस्त जली हुई हालत में दानेश्वरी को नजदीकी अस्पताल ले गए। पुलिस के मुताबिक, दानेश्वरी को अस्पताल ले जाने के तुरंत बाद शिवकुमार अस्पताल से फरार हो गया। गिरफ्तारी के बाद शिवकुमार ने दावा किया कि वह दानेश्वरी को बचा रहा था, जब वह खुद को आग लगाने की कोशिश कर रही थी।
अशोक को घटना का पता तब चला जब उस रात अस्पताल के डॉक्टरों से फोन आया और उन्होंने दानेश्वरी के इलाज के लिए 40 हजार रुपयों का भुगतान करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि फौरन विजयपुरा से बेंगलुरु पहुंचे। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि वो घटना के संबंध में वो दानेश्वरी से बयान लेने में विफल रहे।
अशोक शर्मा ने कहा, “जब दानेश्वरी हमले की शिकार हुई थी तो हमने उसी रात पुलिस को सूचित किया था। वह तब बोलने में सक्षम थी। लेकिन हमारे बार-बार कहने के बावजूद पुलिस उसका बयान दर्ज करने के लिए नहीं आई। आखिरकार वे बयान दर्ज करने तब पहुंचे जब वो मर चुकी थी।”
सौजन्य : Lokmatnews
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