शिमला में 3 माह से लापता भगत राम की मिली लाश, सिर-पैर गायब, पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
शिमला. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 53 साल के लापता शख्स का कंकाल मिला है. शिमला जिले के ठियोग के मोहग का 53 साल का भगत राम नाम का शख्स तीन माह पहले से लापता था. परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है. हालांकि, शव सिर और पैर नहीं मिला है. भगत राम अंतिम समय में चार लोगों के साथ थे. शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में कंकाल को भी लाया गया है और यहां पर पोस्टमार्टम किया गया. परिजनों को ब़ॉडी को सौंप दिया गया है, लेकिन परिजनों का शव को उठाने से इंकार कर दिया है.
भगत राम के बेटे अतुल ने बताया कि मेरे पापा 30 नंवबर 2021 को गाड़ी की किश्त देने के लिए घर से निकले थे. दो दिन बाद मां ने बताया कि उसके पापा घर नहीं लौटे हैं. दूसरे परिजनों को जानकारी दी. बाद में पुलिस थाने गए और केस दर्ज हुआ, लेकिन बाद में पुलिस ने कुछ नहीं किया.
डीएसपी पर लगाए आरोप कि उन्होंने कार्रवाई नहीं की. सोमवार को लाश बरामद की गई. भगत राम की बेटी ने बताया कि मौके पर से पैसे और मोबाइल फोन मिला है. बेटी का आरोप है कुछ लोगों को रिमांड लिया जाए. उन्होंने कुछ नाम पुलिस को दिए. बेटी ने आरोपियों के लिए फांसी की मांग की है. भगत राम के भाई का कहना है कि पोस्टर्मार्टम में डॉक्टरों ने कुछ नहीं बताया है. सड़क से 400 मीटर दूरी पर शव मिला है.
कैसे मिली भगत राम की लाश
जानकारी के अनुसार, सोमवार को लाश मिली है. मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर लाश बरामद की गई है. अहम बात यह है कि लाश जिस जगह मिली है, वह काफी दुर्गम इलाका है. परिवार के लोग 15 दिन पहले आईजी और डीजीपी हिमाचल से मुलाकात की है. सूत्रों से पता चला है कि अंत समय में भगत सिंह अपने एक दोस्त के साथ थे. कंकाल के पास पैसे और मोबाइल फोन भी मिला है. शिमला के रवि सिंह दलित का कहना है कि जो परिवार बोल रहा है, उनकी मांग को पूरा किया जाए. पूरे मामले को लेकर फिलहाल पुलिस कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
सौजन्य : News18
नोट : यह समाचार मूलरूप से news18.com में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है !