उपार्जन केंद्र में आपरेटर ने रसीद के एवज में किसानों से मांगें पैसे
करतला । आदिवासी सेवा सहकारी समिति बरपाली के उपार्जन केंद्र पठियापाली में धान बिक्री का कंप्यूटर रसीद बनाने के नाम पर आपरेटर पर अवैध वसूली करने का आरोप किसानों ने लगाया है। उनका कहना है कि आपरेटर द्वारा राशि नहीं देने पर 15 दिन तक रसीद नहीं बनाई। रसीद के लिए किसान उपार्जन केंद्र का कई बार चक्कर काट रहे हैं। इस मामले में कलेक्टर से भी किसानों ने शिकायत की है।
किसान मधुसूदन कंवर ने बताया कि पहले तो टोकन के नाम पर कई दिनों तक घुमाया गया और पैसे देने वाले लोगों का टोकन पहले काटा गया। धान बिक्री के बाद रसीद जारी करने के लिए कंप्यूटर आपरेटर किसानों से पैसे की मांग करता है। उनका कहना है कि सात जनवरी को उन्होंने 28.80 क्विंटल धान का विक्रय किया था, इसका 15 दिनों तक रसीद नही दिया गया और नही उनके खाते में राशि आयी। मधुसूदन ने बताया कि रसीद देने के नाम से आपरेटर ने पांच सौ रुपये की मांग रखी थी, जिसे नहीं देने पर आपरेटर ने रसीद प्रदान नही की। जबकि सात जनवरी के बाद कई किसानों ने धान बेचा और राशि खाते डाल दी गयी। एक अन्य किसान ने बताया बिक्री हुए धान का कंप्यूटर रसीद निकालने कंप्यूटर आपरेटर ने उनसे पैसे की मांग करते है और नही देने पर आपरेटर केंद्र के चक्कर लगवाते है जिससे किसान परेशान है। इस संबंध में जब आपरेटर शशिकांत सैंडल्य से चर्चा कर उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
खर्चा पानी के नाम पर उगाहीः मोहित राम
ग्राम दमखांचा निवासी मोहित राम ने बताया कि आपरेटर द्वारा प्रत्येक किसानों से खर्चा पानी के नाम से सौ से पांच सौ रुपये तक की मांग की जा रही है। राशि नही देने के कारण किसानों को रसीद देने के लिए चक्कर लगवाया जाता है। कंप्यूटर रसीद नही कटने से किसानों को धान बिक्री की राशि खाते में जमा नही हो रही है। राशि देने के साथ ही आगे काम होता है।
समय पर नही आता आपरेटर, भटक रहे किसान।
शंकरसिंह कंवर
ग्राम दमखांचा निवासी शंकर सिंह कंवर ने बताया कि यहां पदस्थ आपरेटर खरीदी केंद्र समय पर नहीं आता, इसकी वजह से किसानों को टोकन कटवाने से लेकर बिक्री रसीद प्राप्त करने के लिए भटकना पड़ता है। मनमानी पूर्वक समय पर केंद्र नही पहुंचने से किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
किसान के नाम से आपरेटर ने बेच दिया धान
ग्राम मौहार निवासी बावा सिंह ने बताया कि उन्होंने 110 क्विंटल धान का टोकन कटवाया था जिसमें उन्होंने 104 क्विंटल धान बेचा। आपरेटर शशिकांत सैंडल्य ने छह क्विंटल अपना धान मेरी पर्ची में बेचकर चढ़ा दिया, जबकि मेरा स्वयं का धान अभी घर में मौजूद है।
राजस्व निरीक्षक ने बनाया पंचनामा
किसानों की शिकायत पर तहसीलदार आराधना प्रधान के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक करुणा मैत्री व पटवारी पुष्पेंद्र कुमार पठियापाली धान उपार्जन केंद्र पहुंचे और किसानों के बयान लेकर पंचनामा तैयार किया। इसमें यह स्पष्ट कहा गया है कि आपरेटर द्वारा किसानों से पैसे की मांग की जाती है। राजस्व निरीक्षक द्वारा धान बोरे की तौल करने पर कुछ बोरो में मानक से बहुत ज्यादा और कुछ बोरो में बहुत ही कम तौल किया गया था। इस पर पंचनामा तैयार किया गया और किसानों ने सहमति जताते हुए हस्ताक्षर भी किया है। किसानों की नजर अब प्रशासन की कार्रवाई पर लग गई है।
सौजन्य : Naidunia
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