हाउसिंग प्रोजेक्ट में दलित को घर बेचने से मना किया, Aurangabad पुलिस ने संगीन धाराओं में दर्ज की FIR
नई दिल्ली/मुंबई : महाराष्ट्र के औरंगाबाद में चिकलथाना पुलिस ने एक निर्माणाधीन प्राइवेट हाउसिंग प्रोजेक्ट साइट के मालिकों और कर्मचारियों के खिलाफ एक दलित परिवार को एक बंगला बेचने से कथित रूप से इनकार करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की है.
प्राथमिकी के अनुसार, मामले में शिकायतकर्ता 39 वर्षीय महेंद्र गंडले एक घर खरीदना चाहता था और उसके दोस्त ने इस आवास परियोजना का सुझाव दिया था. तदनुसार, गंडले 7 जनवरी को औरंगाबाद में उस स्थान पर गए, जहां उन्हें साइट पर कर्मचारी द्वारा एक नमूना घर दिखाया गया था. गंडले ने कहा कि जब उन्होंने घर खरीदने में रुचि दिखाई, तो कर्मचारी ने उनकी जाति (Caste) के बारे में पूछा और जब उन्होंने इसका खुलासा किया, तो कर्मचारी ने कहा कि परियोजना के मालिकों ने उन्हें किसी भी दलित व्यक्ति को संपत्ति नहीं बेचने के लिए कहा था. इसके बाद शिकायतकर्ता थाने पहुंचा जहां उसने शिकायत दर्ज कराई.
इस संबंध में छह लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 और धारा 4 (अस्पृश्यता के उपदेश और अभ्यास के लिए सजा), धारा 6 (जो कोई भी “अस्पृश्यता” के आधार पर किसी भी सेवा को बेचने से इनकार करता है) और नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 के तहत 7(1-ए) (प्रतिशोध के रूप में अस्पृश्यता का अपराध) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
सौजन्य : Dalit awaaz
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