राशि ना देने पर बनाए जाते हैं फर्जी मामले
दमोह : शहर में जिस प्रकार से अपराधों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है उसी तरह कोतवाली पुलिस द्वारा अपनी साख बचाने के लिए फर्जी मामले बनाकर अपनी उपलब्धि दर्शाने में पीछे नहीं है चाहे गांजा पकड़ने के मामले हो या अवैध हथियारों की फैक्ट्री या वाहन चोरी यह मामले भी जिस प्रकार से कोतवाली पुलिस द्वारा अपनी उपलब्धि बताकर बनाए गए यह बात किसी से छुपी हुई नहीं है।
उसी क्रम में बुधवार को दलित समाज की सैकड़ों महिलाओं ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर कोतवाली पुलिस द्वारा दलित समाज के एक युवक को पैसे ना देने पर आए दिन किसी न किसी मामले में झूठा फंसाकर जेल भेज देने की बात सामने आने पर कार्रवाई की मांग की। इस दौरान फुटेरा वार्ड नंबर 5 हजारी की तलैया में निवास करने वाली सैकड़ों दलित महिलाओं ने सबसे पहले अंबेडकर चौक पर जाकर भीमराव अंबेडकर के मूर्ति पर माल्यार्पण के उपरांत पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर कोतवाली पुलिस के विरुद्ध ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की कार्रवाई ना होने पर तीव्र आंदोलन करने की धमकी भी दी है।
ज्ञापन में बताया गया है कि हजारी की तलैया निवासी दीपक बंशकार को 10 जनवरी 22 को कोतवाली पुलिस द्वारा पूछताछ करने के नाम पर घर से सुबह उठाकर कोतवाली ले गए थे और जब दीपक के परिजनों द्वारा कोतवाली पहुंचकर उसे पकड़े जाने के बारे में जानकारी लेनी चाही तो उन्हें बताया गया कि वह एक अपराधी परवेज कसाई ने चोरी की घटना में उस घर की चोरी करने की जानकारी जिस घर में चोरी की दीपक बंशकार द्वारा दी गई थी ऐसा परिजनों को कोतवाली पुलिस द्वारा बताया गया जबकि उक्त अपराधी परवेज कसाई को 5 दिन पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल भेज दिया गया था। उस अपराधी से दीपक बंशकार का सामना या पहचान भी पुलिस द्वारा नहीं कराई गई।
जब मंगलवार की शाम को परिवार जनों द्वारा अपनी आर्थिक रूप से स्थिति कमजोर होने के बावजूद भी कोतवाली पुलिस की मांग के अनुरूप भी 10 हजार रुपये तक कोतवाली पुलिस को देने के लिए तैयार थी लेकिन कोतवाली पुलिस द्वारा 50 हजार रुपये की मांग की जा रही थी और इस राशि को ना देने के कारण व्यक्तिगत द्वेष भावना के चलते कोतवाली पुलिस द्वारा दीपक बंशकार से झूठा बम बरामद करते हुए झूठे मामले में 11 जनवरी को जेल भेज दिया गया। इस प्रकार से पैसे ना देने पर पुलिस व्यवस्था और विशेषकर कोतवाली पुलिस द्वारा जिस प्रकार से लगातार फर्जी मामले बनाए जा रहे हैं उनकी गतिविधियां पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। जिस पुलिस की जिम्मेदारी समाज की रक्षा के लिए होती है वही पुलिस आज गरीब तबके, दलित वर्ग के लोगों का शोषण करके पैसे कमाने के लिए गलत हथकंडे अपनाकर झूठे मामले दर्ज करते हुए जेल भेज रही है। इन दलित महिलाओं ने कहा है कि संबंधित अधिकारी एवं पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए अन्यथा आंदोलन किया जाएगा।
सौजन्य : Nai dunia
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