हर दलित परिवार को 10-10 लाख देने वाली दलित बंधु योजना की जरूरी अपडेट
हैदराबाद: मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शनिवार को दलित बंधु योजना से पीछे हटने से इनकार किया और कहा कि इसे मार्च 2022 तक राज्य के सभी 119 विधानसभा क्षेत्रों में लागू किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना हुजूराबाद विधानसभा क्षेत्र और राज्य में पहले से चिन्हित चार अनुसूचित जाति आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में चार मंडलों में संतृप्ति के आधार पर लागू की जाएगी.
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने शनिवार को कलेक्टरों से राज्य भर के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जाति के सशक्तिकरण की दलित बंधु योजना के कार्यान्वयन के लिए 100 लाभार्थियों की पहचान करने के लिए एक कार्य योजना शुरू करने ;को कहा. इस योजना को अन्य सभी विधानसभा क्षेत्रों में विस्तारित किया जाएगा जहां कम से कम 100 दलित परिवारों को चालू वित्त वर्ष (2021-22) के दौरान 31 मार्च, 2022 तक कवर किया जाएगा. उन्होंने जल्द ही दलित बंधु स्कीम के लिए धन जारी करने का वादा किया ताकि इसे मार्च तक पूरे राज्य में बढ़ाया जा सके.
राव ने शनिवार को प्रगति भवन में सभी जिलों के कलेक्टरों, मंत्रियों, पार्टी विधायकों, एमएलसी और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दलित बंधु स्कीम के क्रियान्वयन की समीक्षा की.
उन्होंने कहा कि, “दलित बंधु योजना को दलित समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए लॉन्च किया गया है, जिनके साथ पीढ़ियों से भेदभाव किया गया है. इससे उन्हें स्वाभिमान के साथ जीने में मदद मिलेगी. दलित बंधु योजना के तहत प्रदान किए गए 10 लाख रुपये एक अनुदान है. यह न केवल आर्थिक रूप से होगा दलित परिवारों का समर्थन करेगा, बल्कि एक सामाजिक निवेश भी बनेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने में मदद करेगा.”
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला कलेक्टरों को पूरी छूट दी जायेगी. हालांकि, वह चाहते थे कि वे अनुसूचित जातियों की मानसिकता को समझें जो इस धारणा के अधीन थे कि उन्हें कई पीढ़ियों से धोखा दिया जा रहा है.
उन्होंने कलेक्टरों को अनुसूचित जाति परिवारों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए व्यापार और रोजगार के अवसरों के सभी संभावित रास्ते तलाशने के लिए कहा. उन्होंने उनसे दलित बुद्धिजीवियों , सेवानिवृत्त कर्मचारियों और दलित सशक्तिकरण के लिए प्रयास कर रहे अन्य लोगों से सलाह लेने को कहा.
सौजन्य : Dalit awaaz
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