12 जातियों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने सांसद साय मंत्री से मिली
रायगढ़ । छत्तीसगढ़ राज्य के संबंध में भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत अधिसूचित अनुसूचित जनजाति सूची में सम्मिलित कराने के लिए रायगढ़ सांसद गोमती साय अनुसूचित जनजाति विभाग मंत्री अर्जुन मुंडा से मिलकर बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के 12 जाति समुदायों को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा समय – समय पर जनजातिय कार्य मंत्रालय प्रस्ताव प्रेषित किया गया है ।
प्रस्ताव में मात्रात्मक त्रुटि सहित समावेश- संशोधन किये जाने हेतु प्रस्ताव किया गया है । राष्टीय अनुसूचित जनजातिय आयोग भारत सरकार नई दिल्ली की बैठक में अनुमोदन छग राज्य के संबंध में भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत अधिसूचित अनुसूचित जनजाति (की सूची में संशोधन- समावेश कर छग राज्य में 12 जाति समुदायों को सम्मिलित करने भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2019 में प्रस्ताव अनुमोदित किया गया परन्तु आज पर्यन्त तक जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा विधेयक संसद में प्रस्तुत कर प्रस्ताव स्वीकृति प्रदान नहीं किया गया है । जिसके कारण छग राज्य के उक्त समुदायों के लगभग 60 लाख लोगों को अनुसूचित जनजाति को प्राप्त होने वाली संवैधानिक अधिकार के लाभों से वंचित है , साथ ही यह समुदाय पिछले 18 वर्षों से शिक्षा , स्वास्थ्य , रोजगार , नौकरी , उधा शिक्षा व राजनीतिक अधिकारों से लाभ से वंचित हो रहे है । 2013 से अनुसूचित जनजाति संशोधन अधिनियम नही लाया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित जनजाति के सूची में उपरोक्त समुदायों को समावेश- संशोधन किये जाने हेतु संसद में विधेयक लाकर प्रस्ताव स्वीकृत किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाए।
इन जातियों की दी गई सूची
भारिया , भूमिया ( भूईया , भूईयों . भूवा . भूरया , भिया ), धनवार ( धनुहार , धनुवार ),नगेसिया ( नागासिया ) के समनार्थी किसान,सौरा , सवर , सवरा , संवरा ,धांगड;,विझिया, कोड;ाकू , कोडाकू, कोंध , कोंद, भारिया ( भरिया )पंडो , पन्डो , पण्डो, गोंड ( गोड़ ) गदबा का नाम उल्लेख किया गया हैं।
सौजन्य : Naidunia
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