धोखाधड़ी व दलित उत्पीड़न में अभियुक्त को पांच साल का कारावास
फर्रुखाबाद : फर्जी दस्तावेज तैयार कर अमानत में ख्यानत की शिकायत करने पर ग्रामीण के साथ मारपीट व जातिसूचक गालियां देने के आरोप में 19 वर्ष पूर्व कायमगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। एससीएसटी न्यायालय के विशेष न्यायाधीश विजय कुमार गुप्ता ने अभियुक्त को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष का कठोर कारावास व 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
कायमगंज नगर के मोहल्ला गऊटोला निवासी जोगराज सिंह ने आठ जुलाई 2002 को मोहल्ले के ही निवासी इस्लामुद्दीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि आरोपित ने झांसा देकर नकदी व अन्य सामान हड़प लिया। जब उन्होंने मामले की शिकायत की और सामान वापस मांगा तो जातिसूचक गालियां देकर मारपीट की गई। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। मुकदमे के विवेचक तत्कालीन क्षेत्राधिकारी एके मौर्य ने न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया। मामले की सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक अशोक कटियार, अनुज प्रताप सिंह व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने अभियुक्त इस्लामुद्दीन को धोखाधड़ी में पांच वर्ष का कठोर कारावास व तीन हजार रुपये जुर्माना, धमकी देने के आरोप में तीन वर्ष का कारावास व दो हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके अलावा दलित उत्पीड़न के मामले में दो साल की सजा व पांच हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त कैद के भी आदेश दिए हैं।
सौजन्य : Dainik jagran
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