हिमाचलः सामान्य वर्ग आयोग के गठन पर फूटा दलितों का गुस्सा, सत्ता से उखाड़ फेंके
ऊना । प्रदेश सरकार द्वारा सामान्य वर्ग आयोग के गठन को हरी झंडी दिए जाने के बाद प्रदेशभर में द्वारा इसका विरोध करना शुरू कर दिया है।
इसी कड़ी में मंगलवार को ऊना जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में संयुक्त अनुसूचित जाति मोर्चा के तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकजुट होकर बैठक में शामिल हुए। इस दौरान सभी पदाधिकारियों ने जहां एक तरफ आरक्षण की शव यात्रा का माकूल जवाब देने के लिए रोष रैली निकालने का ऐलान किया। वहीं, दूसरी तरफ सामान्य आयोग का गठन करने को लेकर प्रदेश की जयराम सरकार को 2022 में सत्ता से बाहर करने की चेतावनी दे डाली है, जबकि आरक्षण की शव यात्रा के विरोध में 27 दिसंबर को जिला मुख्यालय पर संयुक्त अनुसूचित जाति मोर्चा द्वारा भारी रोष रैली का आयोजन किया जाएगा।
दलित समुदाय ने आयोग के गठन के खिलाफ सरकार को 2022 के (Assembly elections) में मुंह तोड़ जवाब देने की चेतावनी दी है। वहीं, दूसरी तरफ आरक्षण की शव यात्रा निकाले जाने को लेकर भी जवाबी हमला करने की रणनीति बनाई है। मंगलवार को सामान्य आयोग गठन के विरोध को लेकर संयुक्त अनुसूचित जाति मोर्चा की अहम बैठक आयोजित जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में किया गया। बैठक की अध्यक्षता दलित नेता रवि कांत बस्सी ने की, जबकि बैठक में विभिन्न दलित संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जयराम सरकार पहले से ही सामान्य आयोग के गठन का मन बना चुकी थी। केवल मात्र दलित समुदाय को भ्रमित करने के लिए सरकार ने गलत हथकंडे अपनाएए लेकिन अब सरकार को इसका माकूल जवाब दिया जाएगा। दलित नेता रविकांत (ravikant) ने कहा कि प्रदेश में 25 फ़ीसदी दलित एकजुट होकर भाजपा (BJP) को सत्ता से बेदखल करेंगे। संविधान के तहत ही आरक्षण का प्रावधान किया गया और आरक्षण की शव यात्रा निकालकर संविधान का अपमान किया गया, लेकिन सरकार और प्रशासन ने संविधान के अपमान पर कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि अब दलित समुदाय के लोग संविधान के इस अपमान का बदला रोष रैली से लेकर रहेंगे, जिसके लिए 27 दिसंबर को ऊना जिला मुख्यालय पर बड़ी रोष रैली निकाली जाएगी।
सौजन्य : Himacha labhi abhi
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