पांच साल की मासूम दलित बच्ची से दुष्कर्म करने वाला आरोपी मेजर गिरफ्तार, नेपाल भागने के फिराक में था
अररिया के भरगामा थाना क्षेत्र के वीरनगर पश्चिम में पांच साल की मासूम दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाला दरिंदा आखिरकार 10 दिन के बाद पुलिस की गिरफ्त में आ गया। आरोपी दुष्कर्मी मेजर की गिरफ्तारी पुलिस ने उस वक्त की जब वह अररिया से नेपाल जाने के फिराक में था। मामले को लेकर एसपी हृदयकान्त की ओर से गठित स्पेशल पुलिस टीम ने चांदनी चौक से उसे गिरफ्तार किया।
भरगामा थाना क्षेत्र में 1 दिसंबर की शाम को आरोपी मेजर ने 5 साल की मासूम दलित बच्ची को उसके घर से अगवा कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने के बाद वापस लाकर फेंक दिया था। बच्ची को परिजनों ने खून से लथपथ पाया था, जिसके बाद आरोपी मेजर और उसके परिजनों की ओर से मामले को सुलह को लेकर पंचायती की कवायद चल रही थी। लेकिन इसी दौरान ग्रामीणों ने एसपी हृदयकांत को मामले की पूरी जानकारी दी। इस पर एसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार, भरगामा थानाध्यक्ष उमेश कुमार, महिला थाना के थानाध्यक्ष रीता कुमारी को पुलिस बलों के साथ गांव पहुंचकर बच्ची का मेडिकल जांच करवाई और फिर पीड़िता की मां की आवेदन पर महिला थाना में पोक्सो एक्ट , एससी/एसटी सहित कई धाराओं में मामला दर्ज कराया गया।
गिरफ्तारी से बचने के लिए ठिकाना बदलता रहता था आरोपी
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मेजर गांव को छोड़कर फरार हो गया था और लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा। छापेमारी दल ने लगातार आरोपी मेजर के ठहरने वाले ठिकाने दिल्ली, नोएडा, मेरठ और हरियाणा के गुड़गांव, सोहाना सिटी में छापेमारी की गई। लेकिन पुलिस के दबिश से पहले ही मेजर अपना ठिकाना बदल लेता। इस बीच लगातार पुलिस की दबिश बढ़ती जा रही थी। फलस्वरूप आरोपी मेजर बिहार में प्रवेश करते हुए सोमवार को अररिया पहुंचा तो सुबह आठ बजे पुलिस ने चांदनी चौक से उसे गिरफ्तार कर लिया।
नेपाल भागने के फिराक में था आरोपी
मामले की जानकारी देते हुए एसपी हृदयकांत ने बताया कि आरोपी मेजर पर पुलिस का दबाव लगातार बढ़ रहा था और अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए नेपाल जाने के फिराक में था। इसी कारण अररिया पहुंचा था, जहां से वह नेपाल जाने वाला था। लेकिन पुलिस ने उसे ऐन मौके पर गिरफ्तार कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
आरोपी का पूर्व का रहा है आपराधिक इतिहास
मेजर गांव के पूर्व मुखिया शमशेर का पुत्र है और गांव में उसकी दबंगई से लोग खासे परेशान रहते हैं। दुष्कर्म किस तरह की कई घटनाओं को अंजाम दे चुका बताया जाता है। लेकिन बदनामी के डर से पीड़ित परिवार उसके खिलाफ मामला दर्ज कराने से बचते रहे। आपराधिक मामलों में वह पहले भी जेल जा चुका है और इन दिनों जमानत पर जेल से बाहर था।
स्पीडी ट्रायल से दिलायी जाएगी सजा
एसपी हृदयकान्त ने बताया कि आरोपी के खिलाफ जल्द ही चार्जशीट दाखिल करने के साथ स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने आमलोगों से इस तरह के दरिंदगी के खिलाफ आगे आने की अपील करते हुए पुलिस को सूचित करने का आग्रह किया।
सौजन्य : Navbharat times
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