मृत किसानों का आंकड़ा कृषि मंत्रालय के पास नहीं : तोमर
सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आसपास कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मृत किसानों की संख्या का आंकड़ा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास नहीं है।
लोकसभा में मंगलवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास इस मामले में कोई आंकड़ा नहीं है।…दोनों सदनों में 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 पारित हो गया है।’ राजीव रंजन सिंह, टी आर प्रतापन, एन के प्रेमचंद्रन, ए एम आरिफ, डीन कुरियाकोस, प्रो. सौगत राय और अब्दुल खालीक ने मरने वाले किसानों की संख्या पूछी थी।
उधर, सदन में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और कुछ अन्य सदस्यों ने आंदोलनकारी किसानों की मांगों से जुड़ा मुद्दा उठाया और कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने समेत अन्य मांगें स्वीकार करनी चाहिए। कांग्रेस के मणिकम टैगोर ने मांग उठाई कि कि कोराना वायरस महामारी में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने किसान आंदोलन का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘700 से अधिक किसान काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन करते हुए शहीद हुए हैं। इनके परिवारों को मुआवजा दिया जाना चाहिए…किसानों के साथ न्याय करना चाहिए और उनकी दूसरी मांगें स्वीकार की जानी चाहिए।’
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल और एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील ने भी कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत किसानों की अन्य मांगें सरकार को माननी चाहिए।
सौजन्य : द ट्रिब्यून
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