राजस्थान में यहां दलित दूल्हों को नहीं चढ़ने दिया घोड़ी, कार में बैठकर आए 3 दूल्हे
बाद में पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे और दोनो पक्षों से समझाईश की गई।
प्रदेश के कई जिलों में स्थित गांवों मं अभी भी पुरानी प्राथाओं का चलन है। बड़ी बात ये है कि इन कुप्रथाओं से पुलिस तक लोगों को उबार नहीं पा रही है। ऐसा ही एक मामला बूंदी जिले से सामने आया है। जब तीन दूल्हों और उनके परिवार को शर्मिंदगी का सामना करना पडा वह भी पुलिस की मौजूदगी में। पुलिस वहां तैनात रही इस बीच उनके परिवारों ने शादी से संबधित रस्में पूरी कीं। दरअसल बीती रात बूंदी के नीम का खेड़ा गांव से तीन दलित दूल्हों की बारात गुजर रही थी।
वे गांव के नजदीक ही स्थित गुर्जर मौहल्ले के पास तोरण मारने के लिए आए थे। उसके बाद विवाह समारोह आयोजित किया जाना था। लेकिन गुर्जर और माली समाज के लोगों ने दूल्हों के घोड़ी पर बैठकर तोरण मारने का विरोध किया। मामला बढ़ा तो पुलिस अफसर वहां पहुंचे। उनके सामने ही तीनों को घोड़ी से उतारा गया और उसके बाद कार में तोरण मारने के लिए रवाना किया गया। तोरण मारने के बाद आयोजित विवाह समारोह के दौरान भी पुलिस तैनात रही।
माहौल तनावपूर्ण रहा लेकिन शादी के बाद पुलिस भी लौट गई। उधर जयपुर के नरेना मे भी देर रात इसी तरह का मामला सामने आया। बाद में पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे और दोनो पक्षों से समझाईश की गई।
साभार: पत्रिका
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