अपने गांव में 12वीं करने वाली पहली आदिवासी लड़की ने नीट की परीक्षा में भी मारी बाजी
कोयंबटूर । ‘कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों’ इस कहावत को सच कर दिखाया है कोयंबटूर की एक आदिवासी समुदाय की छात्रा एम सांगवी ने। एम सांगवी ने अपने दूसरे प्रयास में नीट-यूजी 2021 की परीक्षा पास कर आदिवासी समुदाय का नाम रोशन किया है। सांगवी का इस परीक्षा को पास करना उनके समुदाय और उनके गांव के लिए किसी ऐसे सपने के सच होने के जैसा है, जिसे उन्होंने देखने की कभी हिम्मत भी नहीं की।
आदिवासी समुदाय की गांव की पहली लड़की जिसने पास की थी 12वीं 19 वर्षीय सांगवी मदुकराई के मालासर आदिवासी समुदाय से आती हैं। इस गांव में 40 परिवार हैं। सांगवी अपने गांव की आदिवासी समुदाय की पहली ऐसी लड़की हैं जिन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की थी।
नीट की परीक्षा में भी किया कमाल सांगवी के परिवार की खुशी का आज कोई ठिकाना नहीं है। बेटी ने वो कर दिखाया है जिसकी उन्होंने कल्पना तक नहीं की थी। अपने दूसरे प्रयास में सांगवी ने नीट-यूजी की परीक्षा पास की है। इस परीक्षा में उन्होंने 202 अंक हासिल किए।
आसान नहीं था सांगवी का सफर नीट की परीक्षा पास करने तक का सफर सांगवी के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। सांगवी ने बताया कि कोरोना वायरस मे लगे लॉकडाउन में उनके पिता की मौत हो गयी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण ही उनकी मां ने आंशिक रूप से अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी। तब उन्हें समझ आया कि उनके समुदाय को मेडिकल सुविधाओं की कितनी जरूरत थी। इसके बाद उन्होंने स्टेटबोर्ड की किताबों का उपयोग करके और एनजीओ की सहायता से नीट की परीक्षा पास की। बता दें कि अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए कट-ऑफ इस साल 108 से 137 के बीच है। सांगवी का मानना है कि इसके चलते उन्हें किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की सीट मिल जाएगी।
साभार : वन इंडिया न्यूज़
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