जाति के अनुसार स्कूल ने बनाया छात्रों का अटेंडेंस रजिस्टर और बैच, चेन्नई नगर निगम ने की कार्रवाई
चेन्नई, 3 नवंबर। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के एक प्राथमिक स्कूल में जाति के अनुसार छात्रों के अटेंडेंट रजिस्टर और बैच बनाये गए। स्कूलों में अटेंडेंस रजिस्टर अल्फाबेटिकल नाम के अनुसार बनाए जाते हैं लेकिन इस स्कूल में जाति आधारित रजिस्टर तैयार किया गया। यह बात जब सार्वजनिक हुई तो चेन्नई में नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया। जांच में एक शिक्षिका को ऐसा रजिस्टर और बैच बनाने का जिम्मेदार पाया गया। इसके बाद ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन ने स्कूल प्रशासन को फटकार लगाते हुए आरोपी शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की है। शिक्षिका का तबादला किसी और स्कूल में कर दिया गया है और स्कूल में हुई घटना की विभागीय जांच चल रही है।
19 महीने बाद सोमवार को तमिलनाडु में पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए भी स्कूलों के दरवाजे खोल दिए गए। प्राथमिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों से कहा था कि पहले दो सप्ताह तक छात्रों को कहानी लेखन, ड्रॉइंग समेत अन्य रचनात्मक गतिविधियों में लगाएं ताकि वो फिर से क्लास के वातावरण में पढ़ने के लिए सहज हो सकें। विभाग ने स्कूलों को यह भी निर्देश दिया कि वे छात्रों को बैच में बांटकर अलग-अलग दिनों में उनको क्लास में पढ़ा सकते हैं। इसी निर्देश के तहत चेन्नई के एमजीआर नगर स्थित स्कूल में छठी कक्षा के छात्रों को जाति के हिसाब से बैच में बांटा गया और उनका अटेंडेंस रजिस्टर बनाया गया। अलग-अलग जातियों के बच्चों के बैच को अलग-अलग दिन क्लास के लिए बुलाया गया।
जाति के आधार पर बैच बनाने की जानकारी जब लोगों को मिली तो नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने स्कूल प्रशासन के इस काम की भर्त्सना की। उन्होंने इस मामले में चेन्नई नगर निगम से त्वरित कार्रवाई करने की मांग की। बवाल बढ़ता देख स्कूल प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि जातिगत भेदभाव के लिए नहीं, प्रशासनिक सुविधा के लिए छात्रों का बैच जाति के आधार पर बनाया गया। लेकिन चेन्नई नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए इस घटना की विभागीय जांच शुरू कर दी है। साथ ही, जाति आधारित बैच बनाने की आरोपी शिक्षिका का तबादला कर दिया है।
1 नवंबर को शिकायत मिलने के बाद चेन्नई नगर निगम के अधिकारी स्कूल पहुंचे और मामले की जांच की। आरोपी महिला शिक्षिका से सफाई देने को कहा गया और उसी के आधार पर स्कूल की इस लापरवाही की जांच आगे शुरू कर दी गई है। जाति आधारित रजिस्टर हटाकर छात्रों के अल्फाबेटिकल नाम पर रजिस्टर बनाया गया है। साथ ही, चेन्नई नगर निगम ने अन्य स्कूलों को भी निर्देश दिया है कि अल्फाबेटिकल ऑर्डर में ही रजिस्टर बनाएं, जाति के आधार पर नहीं।
साभार : वन इंडिया न्यूज़
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