अनदेखी : विजयहाता, दारोगाहाता व पकड़ी बंगाली में नाली नहीं, सालोंभर सड़कों पर बहता है पानी
देश डिजिटल इंडिया की तरफ बढ़ रहा है। लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां लोग आज भी विकास का इंतजार कर रहे हैं। ऐसा ही हाल है जिले के विजय हाता, पकड़ी बंगाली और दरोगा हाता की है। सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी का सामना ग्रामीणों को बरसात के मौसम में करना पड़ता है। इस सड़क पर दर्जनों निजी क्लीनिक और जांच घर है। इसके अतिरिक्त जब गांव में कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे अस्पताल पहुंचाने में लोगों को बहुत परेशानी होती है। प्रतिदिन सैकड़ो मरीजों का आना जाना लगा रहता है। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है कि नाली और बरसात के पानी का निकास नहीं है। इसलिए सालों भर पानी जमा रहता है। करीब 2100 वोटर है। इस क्षेत्र का हमेसा सरकार में प्रतिनिधित्व रहा है। पूर्व विधायक पिछले 2005 से विधानसभा जीतते आ रहे थे लेकिन इस बार हार से सामना करना पड़ा। इसलिए क्षेत्र का लम्बे समय तक प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व विधायक को लोग जिम्मेदार मानते हैं। वही ग्रामीणों की माने तो पूर्व राजद सांसद एक शादी विवाह में आए थे तब उनकी गाड़ी फस गई थी, उसके अगले ही दिन मिट्टीकरण करा कर इटाकरण हुई। तब से लेकर अब तक वैसा ही कार्य हैं।
गड्ढे में गिर जाने से बच्ची की हो चुकी है मौत
पकड़ी बंगाली गांव में पिछले 30 साल से सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। स्कूल व कोचिंग आने जाने वालों के लिए सड़क का नहीं होना सर दर्द बन चुका है। पिछले दो महीने पहले रिश्तेदारी में आई लड़की गहरे गड्ढे में गिर गई थी उसकी मौके पर ही मौत ही गई थी। इस गांव में 42 सौ वोटर है। दलित बस्ती में आज तक ना तो जिला प्रशासन देखने आया है और ना ही कोई जनप्रतिनिधि ही आए।
तीस साल से सड़क बनने की राह देख रहे हैं लोग
30 साल से ना तो सड़क बना है और ना ही कोई देखने वाला है। चुनाव आते ही सभी नेता आने लगते हैं। लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है। रोड नहीं तो वोट नहीं के आदर्श पर चलते हुए चुनावों का बहिष्कार करेंगे और किसी को वोट नहीं देंगे।
संजय कुमार, स्थानीय निवासी।
डीएम, विधायक और मंत्री को भी दे चुके हैं आवेदन
बहुत बार बाइक गड्ढे में गिर जाती है। इससे प्रतिदिन लोग घायल होते हैं। स्थानीय विधायक, जिलाधिकारी से लेकर कई नेताओं और मंत्रियों को भी आवेदन दिया गया है। इसके बावजूद नेताओं के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
राहुल कुमार, स्थानीय निवासी।
मंदिर आने-जाने में होती है परेशानी, पानी बड़ी समस्या
घर का सारा गंदा पानी सड़क पर ही बहता है। पूजा-पाठ के लिए मन्दिर आने व जाने में बहुत समस्या आती है। हमेशा सड़क पर जलजलमाव रहने से लोग खुद को स्वच्छ नहीं रख पाते हैं। कई बार शिकायत की गयी, पर किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
उषा देवी, स्थानीय निवासी।
अबतक केवल आश्वासन पर ही लोग चला रहे काम
काली मंदिर के पास सड़क निर्माण नहीं होने के कारण मेरे घर के बगल में रिश्तेदारी में आई लड़की गड्ढे में गिर गयी थी। जिससे मौके पर ही मौत हो गई। चुनाव के समय नेताओं के द्वारा सड़क बनाने का आश्वासन दिया जाता है। काम कुछ नहीं हो रहा है।
मृत्युंजय कुमार, स्थानीय निवासी।
दरोगाहाता में मात्र 35 प्रतिशत ही बनायी गयी है सड़क
दरोगा हाता में पिछले 30 साल में 35 प्रतिशत ही सड़क को बनाया गया है। जो वर्तमान में टूट-फुट कर सामान्य हो गयी है। स्थानीय लोगों के घर के बाहर नाली नहीं है। जिला प्रसाशन व स्थानीय विधायक को शिकायत करने के बाद भी आज तक कोई पहल नहीं की गयी। यहां 3 हज़ार वोटर है। उसके वावजूद भी ऐसी स्थिति है। वोट लेने के लिए तो चुनाव के समय तरह-तरह के लुभावने वायदे करते हैं, फिर वहीं हो जाता है। चुनाव जीतने के बाद न तो कोई जनप्रतिनिधि आते हैं और न ही उनके प्रतिनिधि।
पांच साल में 1700 वोट बढ़े, फिर भी वही हाल में हैं लोग
विजय हाता, पकड़ी बंगाली व दरोगा हाता क्षेत्रों को मिलाकर पांच सालों में 1700 वोटरों की बढ़ोतरी हुई है। जबकि 2015 में कुल वोटरों की संख्या 76 सौ थी। 2020 में बढ़ कर 93 सौ हो गई है। आबादी बढ़ती गई लेकिन सड़क नाला व पानी की निकासी अब तक नही हुई। जबकि परुष वोटर 52.87 प्रतिशत है। महिला वोटर 47.16 प्रतिशत है। बावजूद यहां सुविधाएं बहाल करने में जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं देते हैं। अधिकारियों से भी शिकायत के बाद कोई परिणाम नहीं आया।
साभार : दैनिक भास्कर
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