108 एंबुलेंस से प्राइमरी मेडीसिन किट गायब, पल्समीटर, थर्मामीटर खराब मिला
कराहल। नईदुनिया न्यूज : जिले की 108 एंबुलेंस बहदाल और जर्जर हालत में दौड़ रही हैं। शनिवार को 108 एंबुलेंस के नोडल अधिकारी आरबी शाक्य ने अचानक आदिवासी विकासखंड कराहल की एंबुलेंस की जांच की। गाड़ी चेक करने के बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गाड़ी की हालत बहुत खराब है। दवाएं अपर्याप्त हैं और ऑक्सीजन मीटर काम नहीं कर रहा है। इस एंबुलेंस में मरीजों को शिफ्ट किया गया तो उसकी जान के लिए खतरनाक हो सकता है।
यहां बता दें, कि कलेक्टर शिवम वर्मा को पिछले कुछ दिनों से शिकायत मिल रही थी, कि 108 एंबुलेंस में मरीजों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। कलेक्टर ने नोडल अधिकार शाक्य को एंबुलेंस चेक करने के निर्देश दिए। शाक्य ने गाड़ी चेक की तो पिकअप नहीं दे रही है। तार निकले हुए हैं जिसके कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है। पेट्रोल गाड़ी होने के कारण आग लगने की स्थिति में मरीज और स्टाफ के लिए सुरक्षित नहीं है। स्टेपनी नहीं है और ऑक्सीजन रीडिंग सही से काम नहीं कर रही है। बेसिक लाइफ सपोर्ट उपकरण और पर्याप्त दवा नहीं है।
एंबुलेंस में गंदगी मिली, लॉकबुक भी अधूरी –
जांच के दौरान एंबुलेंस में काफी गंदगी मिली। अंदर धूल भरी हुई थी। ऐसे में अगर किसी मरीज को रेफर किया जाता तो दम घुटने से ही उसकी मौत हो जाती। ड्राइवर अरविंद शर्मा ने बताया कि सुबह नल नहीं आते हैं। इसलिए धुलाई नहीं हो पा रही है। एंबुलेस 3 लाख किमी से अधिक चल चुकी है। लॉगबुक में 15 से 20 अक्टूबर 2021 तक एंट्री नहीं थी। ड्राइवर का कहना था, कि वह आज ही गाड़ी चलाने के लिए आया है। इससे पहले अन्य कोई गाड़ी चलाता था।
प्राइमरी मेडीसिन किट गायब, बैंच-चेयर भी टूटी –
शाक्य ने बताया कि जांच के दौरान एंबुलेंस में मरीज को प्राइमरी मेडीसिन किट गायब मिली हैं। इसके अलावा डिलेवरी किट, पल्समीटर, सर्वाइकल कॉलर हार्ड एवं ग्लूकोमीटर भी नहीं मिला। जबकि थर्मामीटर खराब मिला है। यही नहीं मरीजों के लेटने वाली बैंच व कुर्सी भी टूटी मिली हैं। नोडल अधिकारी ने ड्राइवर से पूछा कि उपकरणों के अभाव में सीरियस मरीज को किस तरह हैंडल किया जाता है।
वाहन में नहीं रहती ऑक्सीजन –
108 वाहनों में ऑक्सीजन भी कभी कभार उपलब्ध रहती है। कहीं सिलेंडर खाली पड़े मिलते हैं तो कहीं पाइप लाइन टूटी मिलती है। ऐसे में गंभीर मरीज अस्पताल पहुंचने के पहले ही दम तोड़ देते हैं। वाहन में उपचार के जो संसाधन हैं वह भी वर्षों पुराने हैं। जैसे स्टेथेस्कोप सही काम नहीं कर रहे थे। रिपोर्ट नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर मरीज का सही प्राथमिक उपचार नहीं कर पा रहा है।
वर्जन –
कराहल ब्लॉक की 108 एंबुलेंस को चेक किया है वह तो खुद ही बीमार है। मरीजों को कैसे लाभ मिलता है। एंबुलेंस में कई उपकरण नहीं मिला। यहां तक प्राइमरी मेडीसिन किट और डिलीवरी किट तक नहीं मिला है। इन कमियों को लेकर हम जिगित्सा कंपनी और एनएचएम भोपाल को पत्र लिखेंगे।
आरबी शाक्य, 108 नोडल अधिकारी
कैप्शन – करहाल में 108 एंबुलेंस की जांच करते अधिकारी
– कराहल स्थित 108 एंबुलेंस में टूटी बैंच और कुर्सी
साभार : नई दुनिया
नोट : यह समाचार मूलरूप से www.naidunia.com में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है !