वन विभाग पर आदिवासियों के उत्पीड़न का आरोप
घोरावल (सोनभद्र): आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट व मजदूर किसान मंच के संयोजक श्रीकांत सिंह के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या में आदिवासी शुक्रवार को उपजिलाधिकारी घोरावल कार्यालय पहुंचे। ज्ञापन सौंपकर वन विभाग पर आदिवासियों व अन्य परंपरागत वन निवासियों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। उन्हें जमीन से बेदखल करने की मंशा बनाई जा रही है।
आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट इकाई घोरावल ने पत्र देकर बताया गया कि ग्राम पंचायत शिवद्वार के मरूअट टोला में रहने वाले आदिवासी तथा परंपरागत वन निवासी जो कि बाप दादा के समय से गांव में कृषि योग्य खाली पड़ी जमीन को जोत कोड़ कर अपना पेट चलाते हैं, जिन्हें वन विभाग द्वारा परेशान किया जा रहा है। इस संबंध में वनाधिकार कानून का दावा तैयार कर ग्राम समिति के माध्यम से एसडीएम कार्यालय में जमा किया गया है, जिसका निस्तारण अभी तक नहीं हुआ है। उनका कहना है कि वे लोग पढ़े लिखे नही हैं जिसका फायदा उठाया जा रहा है। वनाधिकार कानून अधिनियम 2006 नियम 2008 एवं संशोधन नियम 2012 लागू है।
आदिवासियों का कहना है कि उनकी संपूर्ण जिदगी भूमि पर खेती बाड़ी करके ही बितती है। इसलिए उन्हें परेशान न किया जाए। बताया कि इस संबंध में संगठन द्वारा बीते 22 अक्टूबर को एक ज्ञापन भी दिया गया था। उसके बाद से आदिवासियों के विरुद्ध दमन पूर्ण कार्यवाही की जा रही है, जो कि मानवाधिकार का उल्लंघन है। आदिवासियों ने पत्र देकर एसडीएम से मांग की है कि वन विभाग पर इस प्रकार के कारनामे अपनाने से रोक लगाई जाए। ग्रामीणों द्वारा जमा किया गया दावा पत्रों की जांच कराकर पुश्तैनी बसे आदिवासियों और अन्य परंपरागत निवासियों के लोगों को मौलिक अधिकार देकर उत्पीड़न से बचाया जाए। इस मौके पर मजदूर किसान मंच के सचिव संतलाल बैगा सहित तमाम आदिवासी बिरादरी के लोग मौजूद रहे।
साभार : दैनिक जागरण
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