वन भूमि पर भू-माफिया का कब्जा:जंगलों में अतिक्रमण कर खेती के लिए तैयार कर रहे जमीन, फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारियों पर मिलीभगत का आरोप
बारां जिले के आदिवासी क्षेत्र शाहाबाद रेंज के मुंडियर राजपुर वन नाका क्षेत्र के जंगलों में वन भूमि पर अवैध तरीके से भू-माफिया कब्जा करते जा रहे है। वन भूमि पर ट्रैक्टरों से हकाई कर वन विभाग की जमीन को कृषि कब्जा बनाने की जा रही है। इसके चलते वन भूमि के बड़े हिस्से पर धीरे-धीरे जंगलों का घनत्व कम होता जा रहा है और कृषि की जमीन का रकबा बढ़ रहा है। ऐसे भू-माफियाओं के खिलाफ वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके चलते भू-माफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे हैं। इसके चलते पर्यावरण प्रेमियों में रोष बना हुआ है।
शाहबाद क्षेत्र के हर वन नाका क्षेत्र के इलाके में घना जंगल हुआ करता था। जिसमें जंगली जानवरों की मौजूदगी काफी संख्या में हुआ करती थी, लेकिन धीरे-धीरे जंगलों का घनत्व कम होता जा रहा है। जंगली क्षेत्र मैदान क्षेत्र में तब्दील हो रहा है। इसके चलते अब जंगली जानवरों पर भी संकट के बादल छा रहे हैं। शाहबाद रेंज के जंगलों मे जंगली जानवरों की मौत का सिलसिला बीते 5 सालों से बढ़ता जा रहा है। पैंथर, भालू, नीलगाय, हिरण, जरख आदि मौत के शिकार हो चुके हैं। जंगलों के घटते घनत्व के चलते जलवायु पर भी विपरीत असर देखने को मिल रहा है।
पर्यावरण प्रेमी लोगों का कहना है कि भू-माफिया जंगलों में अवैध कारगुजारी करते हैं, लेकिन इनके खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई वन विभाग की ओर से नहीं होती है। जंगल में अवैध कारगुजारी करने वाले एक व्यक्ति ने नाम नहीं छापने पर बताया कि हम जंगल में जो भी कार्य करते हैं। ऐसे में पहले से फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारियों से संपर्क में रहते हैं। जब भी कोई अधिकारी या गश्ती दल क्षेत्र के जंगलों में आते है तो हमको फोन पर पहले ही सूचना मिल जाती है। ऐसे में हम मौके से बच कर निकल जाते हैं, इसलिए वन अधिकारियों की पकड़ से और कार्रवाई से दूर रहते हैं।
डीएफओ बारां वी चेतन कुमार का कहना है कि राजपुर मुंडियर जंगल क्षेत्र में वन भूमि और पेड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ विभागीय अधिकारियों की ओर से प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, क्षेत्र में गश्ती दल तैनात कर रखा है अगर क्षेत्र में प्रभावी ग्रस्त नहीं हो रही है तो मैं रेंजर से बात करूंगा। राजपुर नाके पर महिला कर्मचारी लगी हुई है, उनको नर्सरी कार्यालय में लगाया जाएगा और यहां पर पुरुष कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। जिससे क्षेत्र के जंगलों में प्रभावी रूप से निगरानी बनी रहे दोषियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई को अंजाम दिया जाए।
साभार : दैनिक भास्कर
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