पुलिस हिरासत में मौत: अरुण वाल्मीकि के परिवार को 10 लाख मुआवजा, सरकारी नौकरी का देगी सरकार
आगरा के जगदीशपुर थाने के मालखाने से 25 लाख रुपए चुराने के इल्जाम में पकड़े गए अरुण वाल्मीकि की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर है। पीड़ित परिवार से मिलने आगरा जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें चार लोगों के साथ जाने की अनुमति मिल गई। वाल्मीकि समाज के नेताओं ने परिवार के लिए एक करोड़ रुपए मुआवजा, सरकारी नौकरी और दोषी पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की थी। इस बीच सरकार ने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।
आगरा के जिलाधिकारी ने परिवार को उत्तर प्रदेश शासन के इस फैसले से अवगत कराया। जिलाधिकारी ने बताया कि परिवार को दस लाख रुपए मुआवजे के साथ ही एक सदस्य को नगर निगम में सरकारी नौकरी मिलेगी। गौरतलब है कि 17 अक्टूबर को जगदीशपुरा थाने के मालखाने से 25 लाख रुपए कैश की चोरी हो गई थी। इस मामले में आईपीसी की धारा 457 और 380 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच में जुटी पुलिस उन लोगों से पूछताछ कर रही थी जिनका थाने में अक्सर आना-जाना था। पुलिस का कहना है कि सफाईकर्मी अरुण कुमार थाने में सफाई के लिए अक्सर आता-जाता था। उसे मंगलवार को तासगंज क्षेत्र से पकड़कर पूछताछ की गई।
पुलिस का दावा है कि अरुण ने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली थी और बताया था कि कैश उसके घर पर है। पुलिस टीम उसे लेकर उसके घर पहुंची जहां से 15 लाख रुपए बरामद हुए। हालांकि रिकवरी के दौरान अरूण कुमार की तबीयत बिगड़ने लगी तो परिवार के सदस्यों और पुलिस द्वारा उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एसएसपी ने बताया कि अरुण कुमार की मौत के बाद आगरा के जिलाधिकारी से सम्पर्क कर शव का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से कराया गया।
परिवार ने दर्ज कराई एफआईआर
अरुण के परिवार के सदस्यों ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में पोस्टमार्टम की रिपोर्ट और प्रारम्भिक जांच के बाद केस दर्ज कर लिया गया है। मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। उधर, बुधवार को वाल्मीकि समाज के नेताओं ने अरुण कुमार की मौत पर गुस्सा जताते हुए विरोधस्वरूप वाल्मीकि जयंती पर आयोजित कार्यक्रम रद कर दिए। लोकल सेल्फ बॉडी वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष विनोद इलाहाबादी ने कहा कि पुलिस हिरासत में अरुण की मौत को लेकर समाज में काफी गुस्सा है। अरुण के परिवार को न्याय मिलने तक यह लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने परिवार के सदस्यों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा, एक सरकारी नौकरी और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि दोषी पुलिसवालों के खिलाफ इस मामले में हत्या का केस दर्ज होना चाहिए।
साभार : हिन्दुस्तान
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