शिक्षा सेवंचित हो रहे जिले के हजारों विद्यार्थी
मंडला. आदिवासी बहुल्य अंचल मेंशिक्षा का मूलभूत ढांचा चरमराने लगा है क्योंकि आदिवासी विकास विभाग और शिक्षा विभाग के जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों नेठान रखा हैकि जिलेके दूरस्थ अंचलों स्थित ग्रामीण इलाकों के शासकीय विद्यालयों मेंशिक्षकों की पदस्थापना नहीं करनी है क्योंकि जिलेके अधिकांश शिक्षक शहरी क्षेत्र और जिला मुख्यालय या इसके आसपास के क्षेत्रों के स्कूलों में ही अपनी पदस्थापना चाहते हैं और इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को खुश रखनेके हर उपाय अपनानेको तैयार है। यही कारण हैकि जिलेमेंदो महीने पहले से स्थानांतरित होकर आए शिक्षकों की अब तक पद स्थापना नहीं की गई है। उन्हें घर बैठे तनख्वाह मिल रही है।
जानकारी के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों के दो सौ सेअधिक शासकीय विद्यालय पूरी तरह शिक्षक विहीन हैऔर यहाँ पढऩे वाले लगभग 13 हजार विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। विद्यार्थियों का कहना हैकि शिक्षा विभाग और आदिवासी विकास विभाग के अधिकारियों को इस बात सेकोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारा साल बर्बादबल्कि निवास, नारायणगंज, बीजाडांडी, नैनपुर, मोहगांव, घुघरी, बिछिया और मवई शामिल हैं। लेकिन सबसेखस्ता हाल विकासखंड घुघरी और नारायणगंज के शासकीय स्कूल हैं। जिले में सबसे अधिक शिक्षक विहीन स्कूल घुघरी जनपद में हैं। यहां कुल 49 शासकीय विद्यालय ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है। इन स्कूलों मेंसिर्फ प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय ही शामिल नहीं हैबल्कि हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों मेंभी एक भी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गई है। इसके बाद सबसेअधिक
मनमानी नारायणगंज जनपद मेंकी जा रही है। यहां कुल 43 विद्यालयों मेंएक भी शिक्षक की पदस्थापना अब तक नहीं की गई है।
शहरी क्षेत्र में सबसे कम जिलेके शहरी क्षेत्रों में गिनेजाने वाले मंडला और नैनपुर जनपद में शिक्षक विहीन स्कूलों की संख्या सबसे कम है। इनमें सबसे कम शिक्षक विहीन स्कूल मंडला जनपद मेंहै। यहां सात स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं है इसके बाद नैनपुर क्षेत्र हैंजहां 9 विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं है। गौरतलब है कि इन्हीं क्षेत्रों मेंअतिशेष शिक्षकों की संख्या अधिक है। सूत्रों का कहना हैकि शहरी क्षेत्र के स्कूलों में पदस्थापना के लिए पदों की बोली लगाई जा रही है। जो जितनी अधिक बोली लगाएगा उसे उतने नजदीक का विद्यालय दिया जाएगा। सूत्रोंं के मुताबिक इन नगरीय इलाकों के जिन स्कूलों मेंशिक्षक पदस्थापना नहीं है वहां सिर्फ उच्च अधिकारियों की आंखों मेंधूल झोंकनेके लिए शिक्षकों की कमी बनाकर रखी गई है।
साभार : पत्रिका न्यूज़
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