प्रशासन कहता रहा काम पर रोक है, मगर समृद्धि बिल्डर ने आदिवासी जमीन पर निर्माण जारी रखा
रांची : आदिवासियों की जमीन सीएनटी जैसे मजबूत कानून रहने के बाद भी उनके हाथों से निकलती जा रही है. इसका ज्वलंत उदाहरण अरगोड़ा अंचल के खाता संख्या-44 के प्लॉट संख्या-440 का है. जमीन का कुल रकवा 84 डिसमिल है. इस जमीन पर समृद्धि बिल्डर के द्वारा अपार्टमेंट का निर्माण कराया जा रहा है. विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सरकार ने आदिवासी खाते की भूमि पर अवैध कब्जा कर हो रहे निर्माण पर रोक लगाने का भरोसा दिलाया था. इस मामले में अपर समाहर्ता रांची ने 3 फरवरी 2021 को अंचल अधिकारी अरगोड़ा को पत्र लिख कहा था कि एस.ए.आर वाद /अपील /रिवीजन पारित आदेश के आलोक में समृद्धि बिल्डर के अवैध निर्माण कार्य को बंद करते हुए नियमानुसार कार्रवाई करते हुए प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाय.
इसके बाद अंचल अधिकारी ने समृद्धि बिल्डर के निर्माण कार्य पर रोक लगाने के लिए अरगोड़ा थाना प्रभारी को पत्र लिख काम जल्द से जल्द रोकने को कहा था. इसके बाद भी आदिवासी खाते की जमीन पर समृद्धि बिल्डर के द्वारा निर्माण कार्य करते हुए बहुमंजिला इमारत खड़ी कर दी गई है.
अपर समाहर्ता रांची ने अरगोड़ा अंचल को काम रोकने का
अपर समाहर्ता रांची ने अपने पत्रांक 952 दिनांक 3 फरवरी 2021 को अरगोड़ा अंचल को पत्र लिख काम पर रोक लगाने को कहा था. इस पत्र को अरगोड़ा अंचल अधिकारी ने दो माह तक अपने पास दबा कर रखा. 10 अप्रैल को अंचल अरगोड़ ने थाना को पत्र लिख कर काम पर रोक लगाने की बात कही. इसके बाद भी निर्माण कार्य जारी रहा.
क्या कहते हैं अपर समाहर्ता रांची
अपर समाहर्ता रांची राजेश बरवार ने कहा कि काम पर रोक लगाने के संबंध में अरगोड़ा अंचल को कहा गया था. पुन: वस्तुस्थिती की मांग अरगोड़ा अंचल अधिकारी से की गयी है. निर्माण कार्य क्यों नहीं रूका इस सवाल के जवाब में कहा गया है कि अपर समाहर्ता कार्यस्थाल पर जाकर निर्माण कार्य तो नहीं रोक सकते.
फर्जी जमाबंदी कर किया गया जमीन पर कब्जा
जानकारी के मुताबिक, अरगोड़ा अंचल के 84 डिसमिल आदिवासी जमीन की फर्जी जमाबंदी करके उसपर कब्जा कर लिया गया. जमीन हरमू रोड से कटहल रोड जाने वाले रास्ते पर चापू टोली चौक पर है. वर्तमान में जमीन पर अपार्टमेंट का निर्माण रोक के बाद भी कराया जा रहा है. जिसमें 75 फ्लैट बनने हैं. रोक लगाये जाने के बाद भी हो रहे निर्माण के कई अर्थ लगाये जा रहे हैं.
फर्जी जमाबंदी खोल CNT फ्री कराया
जमीन पर कब्जा करने के लिये अंचल कर्यालय में एक फर्जी जमाबंदी खोला गया. जिसका रिकॉर्ड अब अंचल कार्यालय में ही उपलब्ध नहीं है. इस तरह फर्जी जमाबंदी केस नंबर – 24R27/1956-57 का कागजात बना कर भूखंड को सीएनटी फ्री कराया गया. फिर अपार्टमेंट बनाने का नक्शा पास कराया गया. और अब अपार्टमेंट निर्माण का काम जारी है.
गोंदल उरांव के नाम है जमीन
अरगोड़ा अंचल की जिस 84 डिसमिल भूखंड को गलत तरीके से सीएनटी फ्री किया गया, उस भूमि की जमाबंदी गोंदल उरांव के नाम पर था. वर्ष 1995-96 तक गोंदल उरांव के नाम से लगान रसीद भी काटे गये. भूमि पर गोंदल उरांव के वंशजों का कब्जा भी कायम था. इसके बाद भी पंजी टू में छेड़छाड़ कर फर्जी दाखिल खारिज वाद के माध्यम से भूमि को सीएनटी फ्री बनाकर वर्ष 2019 से निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया.
साभार : लगातार न्यूज़
नोट : यह समाचार मूलरूप से https://lagatar.in/administration-kept-saying-that-there-is-a-ban-on-work-but-prosperity-builder-continued-construction-on-tribal-land/ में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है|