दिल्ली दंगों के मामलों की सुनवाई कर रहे जज विनोद यादव का तबादला, जानें वजह
नई दिल्ली. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले साल हुए दंगों के कुछ मामलों (Delhi Riots Cases) में दिल्ली पुलिस की ‘असंवेदनशील और हास्यास्पद’ जांच की आलोचना करने वाले कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court) के जज का दूसरे कोर्ट में तबादला कर दिया गया है. दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को जज का तबादला सीबीआई कोर्ट में किया है. जज ने दिल्ली पुलिस की आलोचना के दौरान यह टिप्पणी भी की थी कि उचित जांच नहीं करने से ‘लोकतंत्र के प्रहरी’ को पीड़ा पहुंचेगी|
कड़कड़डूमा कोर्ट में तैनात अतिरिक्त सत्र जज (एएसजे) विनोद यादव (Vinod Yadav) दिल्ली दंगों संबंधी कई मामलों की सुनवाई कर रहे थे. अब उनका ट्रांसफर नयी दिल्ली जिले की राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष जज (सीबीआई) के रूप में किया गया है. वह जज वीरेंद्र भट्ट का स्थान लेंगे, जो कि अब कड़कड़डूमा अदालत में एएसजे का पद संभालेंगे.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कही ये बात
दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रांसफर किए गए जजों के नामों की जानकारी देते हुए एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि माननीय मुख्य न्यायाधीश और इस अदालत के माननीय न्यायाधीशों ने दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा में तत्काल प्रभाव से निम्नलिखित पदस्थापन/ट्रांसफर किए हैं. जबकि महापंजीयक मनोज जैन के हस्ताक्षर वाले सार्वजनिक नोटिस में कहा गया है कि जिन न्यायिक अधिकारियों का ट्रांसफर किया जा रहा है, उन्हें प्रभार सौंपने से पहले उन मामलों को अधिसूचित करने का निर्देश दिया गया है जिनमें उन्होंने अपने निर्णय या आदेश सुरक्षित रखे हैं.
पुलिस के गवाह शपथ लेकर झूठ बोल रहे हैं…
एएसजे यादव ने अपने ट्रांसफर से एक दिन पहले दिल्ली पुलिस की आलोचना करते हुए कहा था कि पुलिस के गवाह शपथ लेकर झूठ बोल रहे हैं और विरोधाभासी बयान दे रहे हैं. उन्होंने यह टिप्पणी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के मामले की सुनवाई के दौरान की, जब एक पुलिसकर्मी ने तीन कथित दंगाइयों की पहचान की, लेकिन एक अन्य ने कहा कि जांच के दौरान उनकी पहचान नहीं की जा सकी. यादव ने कहा था कि यह बहुत ही खेदजनक स्थिति है. उन्होंने इस संबंध में पुलिस उपायुक्त (उत्तर पूर्वी) से रिपोर्ट मांगी थी.
इसके अलावा यादव ने दंगों संबंधी कुछ मामलों में दिल्ली पुलिस की जांच से असहमति जताई थी. यही नहीं, ‘असंवेदनशील एवं हास्यास्पद’ जांच के लिए कई बार उसकी खिंचाई की थी और जुर्माना भी लगाया था, जिसे बाद में दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. उन्होंने पिछले कुछ महीनों में इस मामले में जांच पर नजर रखने और दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के हस्तक्षेप की मांग की है.
पुलिस के जांच के मानक हैं बहुत खराब
जज विनोद यादव ने सितंबर में पुलिस की आलोचना करते हुए कहा था कि विभाजन के बाद दिल्ली में हुए सबसे भयावह साम्प्रदायिक दंगों को इतिहास जब मुड़कर देखेगा, तो उचित जांच नहीं करने के कारण ‘लोकतंत्र के प्रहरी’ को बहुत पीड़ा होगी. इसके अलावा उन्होंने एक अन्य मामले में कहा था कि 2020 उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के मामलों में जांच के मानक ‘बहुत खराब’ रहे हैं. उन्होंने एक अन्य मामले में कहा था, ‘यह बहुत ही खेदजनक स्थिति है|
सौजन्य : न्यूज़ 18
नोट : यह समाचार मूलरूप से https://m.dailyhunt.in/news/india/hindi/news18+hindi-epaper-pradehin/dilli+dango+ke+mamalo+ki+sunavai+kar+rahe+jaj+vinod+yadav+ka+tabadala+jane+vajah-newsid-n321812678 में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है|