दलित महिला से दुष्कर्म के आरोपी को बचाने में फंसे चौकी इंचार्ज, SP की जगह, खुद भेज दी रिपोर्ट, कर डाली विवेचना
Sonbhadra Crime News: कार्यालय पर झाड़ू पोछा करने आने वाली महिला को शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने वाले ट्रांसपोर्टर को बचाने के प्रयास में रेणुकूट के तत्कालीन चौकी इंचार्ज भानु प्रताप फंस गए हैं।
कोर्ट ने गलत तरीके से रिपोर्ट भेजने और क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर विवेचना करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए, चौकी इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सुनवाई शुरू कर दी है। चौकी इंचार्ज को प्रकरण में स्पष्टीकरण देने के लिए पांच अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में तलब भी किया गया है। वही शारीरिक शोषण के आरोपी ट्रांसपोर्टर के खिलाफ थानाध्यक्ष पिपरी को मुकदमा दर्ज करने के भी आदेश दिए गए हैं।
शादी का झांसा देकर कई बार बनाया संबंध रेणुकूट क्षेत्र की रहने वाली दलित बिरादरी की एक महिला ने गत जून माह में विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी (पाक्सो एक्ट) के यहां सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर पिपरी थाना क्षेत्र के रेणुकूट निवासी एक ट्रांसपोर्टर के खिलाफ एफआईआर का आदेश दिए जाने की मांग की। आरोप लगाया कि उक्त ट्रांसपोर्टर के यहां झाड़ू पोछा लगाने का काम करती है। उसने शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार संबंध बनाया। बाद में शादी से इंकार कर उसे गलत धंधे में धकेलने का प्रयास करने लगा। 29 नवंबर, 2020 को जबरिया अपने एक दोस्त के साथ संबंध बनवाने की कोशिश भी की। शोर मचाने पर वहां लोग आ गए । तब वह बच पाई। प्रकरण को लेकर कोर्ट ने एसपी से आख्या तलब की कि एससी एसटी एक्ट के प्रावधानों का पालन किया गया कि नहीं? संदंर्भित मामले में संबंधित थाना पर अभियोग पंजीकृत है कि नहीं?
कोर्ट के आदेश पर प्रभारी चौकी को आदेश के पालन का दिया गया निर्देश अधिवक्ता विवेक कुमार पांडेय और अधिवक्ता बृजभूषण तिवारी के मुताबिक दो दिन पूर्व विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी (पाक्सो एक्ट) खलीकुज्जमा की अदालत में सुनवाई के दौरान पाया कि कोर्ट के आदेश के अनुपालन में एसपी ने कोई आख्या नहीं भेजी है। कोर्ट के आदेश पर प्रभारी चौकी रेणुकूट को आदेश के पालन का निर्देश दिया गया। नतीजतन, तत्कालीन चौकी इंचार्ज भानु प्रताप सिंह द्वारा एक रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की गई। न्यायालय ने पत्रावली का परिशीलन करने के बाद पाया कि मुकदमा दर्ज होने ना होने का रिकॉर्ड थाने में होता है, लेकिन रेणुकूट चौकी इंचार्ज ने खुद से मामला दर्ज है अथवा नहीं? इसकी आख्या भेजने की बजाय पूरे मामले की विवेचना ही कर डाली। जबकि कोर्ट ने सिर्फ आख्या मांगी थी विवेचना का कोई आदेश नहीं दिया था।
आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना का आदेश कोर्ट ने इसे न्यायालय के आदेश की अवहेलना और आरोपी को बचाने की कोशिश माना। इसके परिप्रेक्ष्य में रिपोर्ट भेजने वाले चौकी इंचार्ज भानु प्रताप सिंह के खिलाफ वाद दर्ज कर एससी एसटी एक्ट की धारा चार के तहत कार्यवाही शुरू कर दी गई। रिपोर्ट भेजने वाले प्रभारी चौकी रेणुकूट को इस मामले में न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर पांच अक्टूबर को अपना जवाब प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया गया है। वहीं शारीरिक शोषण के आरोपी अशोक सिंह और एक अन्य के खिलाफ पिपरी थानाध्यक्ष को उपयुक्त धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया गया है।
साभार : न्यूज़ ट्रैक
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