एनकाउंटर के लिए चर्चित पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा करेंगे ‘धर्मसत्ता की स्थापना’
गुजरात में इशरत जहां, सोहराबुद्दीन शेख, तुलसीराम प्रजापति समेत कई एनकाउंटर के लिए चर्चित पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा अब ‘धर्मसत्ता की स्थापना’ के काम में जुड गये हैं. डीजी वंजारा अलग-अलग अखाड़े और धार्मिक संगठन के साथ मिल कर ‘धर्मसत्ता की स्थापना’ करना चाहते हैं. गुरुवार को डीजी वंजारा गुजरात के द्वारिका में सनातन सेवा मंडल के जरिए हिन्दू धर्मसभा के आयोजन में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि धर्मसत्ता और राज्यसत्ता कदम से कदम मिलाकर चलते हैं. लेकिन आजादी के बाद राज्यसत्ता की स्थापना हुई लेकिन देश में धर्मसत्ता की स्थापना नहीं हो पाई है. जिसके लिए सभी साधु-संत संगठित हो रहे हैं|
गौरतलब है कि गुजरात में 2022 में चुनाव होने हैं. वैसे में कई अलग-अलग मुद्दों को लेकर कुछ साधु-संत विजय रुपाणी सरकार से नाराज चल रहे हैं. हालांकि इन्हें मनाने के लिए बीजेपी की तरफ से पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. इसके हिस्से के तौर पर हाल ही में गुजरात में नडियाद के संतराम मंदिर में आयोजित हिन्दूसभा में गृहमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा पहुंचे थे. हालांकि डीजी वंजारा लगातार गुजरात के अलग अलग साधु-संतों से मिल रहे हैं. वो पिछले लंबे वक्त से सांधु संतों को इकट्ठा करने का काम भी कर रहे हैं.
इसी कड़ी में गुरुवार को वो द्वारिका पहुंचे. डीजी वंजारा ने ये साफ कर दिया कि गुजरात में और देश में धर्मसत्ता की स्थापना होनी ही चाहिए. ये देश के परंपरा रही है कि राज्यसत्ता और धर्मसत्ता कदम से कदम मिलाकर चले. ये राष्ट्र और विश्व कल्याण के लिए काम हुआ है. 1947 के बाद इस देश में राज्यसत्ता की तो स्थापना हुई लेकिन धर्मसत्ता को भुला दिया गया. पिछले एक साल से ऐसे प्रयास चल रहे हैं कि गुजरात में और भारत में धर्मसत्ता की स्थापना होनी चाहिए. धर्मसत्ता की स्थापना होगी तो ये देश, हिन्दू और दूसरे धर्म के लोग भी समस्याओं से मुक्त होंगे.
डीजी वंजारा ने अगले महीने जूनागढ में होने वाली साधु-संतों की महासभा का भी जिक्र किया. बेहतरी की भावना के साथ गुजरात के साधु-संतों का संगठन हो रहा है और अब 11 सितम्बर को गुजरात की अध्यात्मिक नगरी जूनागढ में हिन्दुओं की धर्मसत्ता की स्थापना होने जा रही है|
साभार : आजतक