दलित सरंपच ने पहले फहरा दिया झंडा, सचिव ने आकर मारी लात, आरोपों पर जांच शुरू
जिले के धामची गांव में एक दलित सरपंच को सिर्फ इसलिए मारा गया क्योंकि वह दलित था। उसने सामान्य वर्ग के सचिव का इंतजार ना करते हुए झंडा फहरा दिया। सरपंच हन्नु बसोर का आरोप है कि उसी की पंचायत में सचिव के पद पर पदस्थ सुनील तिवारी को 15 अगस्त के दिन उसका झंडा फहराना नागवार गुजरा है। आरोप है कि सचिव ने जाति सूचक शब्द कहते हुए, उसे लात मार दी है।
वहीं, सरपंच एवं उसकी पत्नी कट्टू बाई की माने तो दबंग सचिव ने उसके पति, बहू और खुद उसके साथ मारपीट की है। घटना के बाद दलित सरपंच, उसकी पत्नी और गांव के कुछ लोग ओरछा रोड थाना पहुंचे। साथ ही लोगों ने आरोपी सचिव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान थाने में बड़ी संख्या में दलित नेता भी मौजूद थे। आरोपी के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
दलित सरंपच की शिकायत पर ओरछा रोड पुलिस स्टेशन सचिव के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, दूसरे पक्ष ने भी थाने में दलित सरपंच के खिलाफ शिकायती आवेदन दिया है। पुलिस अधिकारी अभी आरोपों की जांच कर रहे हैं। उसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि पूरा मामला क्या है। वहीं, दलित सरपंच के कपड़े पर मिट्टी के निशान भी लगे हुए थे।
सौजन्य : नव भारत टाइम्स